कुरुक्षेत्र, 10 जनवरी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत एवं नृत्य विभाग में दिवंगत उस्ताद राशिद ख़ान को 10 जनवरी, बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समस्त संगीत एवं नृत्य विभाग परिवार उस्ताद राशिद ख़ान के निधन पर शोक संतप्त है। इस अवसर पर उनकी आत्मिक शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया।
डॉ. अशोक शर्मा ने उस्ताद राशिद ख़ान साहब का संक्षिप्त परिचय विद्यार्थियों के समक्ष रखा और उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि राशिद खान का जन्म 1 जुलाई 1968 को सहसवान, बदायूँ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान (1909-1993) से प्राप्त किया। वह उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे भी थे । उनके चाचा गुलाम मुस्तफा खान उनकी संगीत प्रतिभा को पहचानने वाले पहले लोगों में से थे, और कुछ समय के लिए उन्हें मुंबई में प्रशिक्षित किया । हालाँकि, उन्होंने अपना मुख्य प्रशिक्षण निसार हुसैन खान से शुरू में उनके घर, बदायूं में प्राप्त किया। एक सख्त अनुशासक, निसार हुसैन खान सुबह चार बजे से आवाज प्रशिक्षण ( स्वर साधना ) पर जोर देते थे, और राशिद को घंटों तक पैमाने के एक नोट का अभ्यास कराते थे। एक ही सुर का अभ्यास करने में पूरा दिन व्यतीत हो जाता था। हालांकि बचपन में रशीद को इन पाठों से नफरत थी, लेकिन बाद में अनुशासित प्रशिक्षण ने तान और लयकारी में उनकी आसान महारत हासिल कर ली। 18 साल की उम्र तक ही राशिद ने अपने संगीत प्रशिक्षण का सही मायने में आनंद लेना शुरू किया था। जीवन पर्यन्त उन्होंने संगीत की सेवा की और रामपुर-सहसवान घराने को उच्च शिखर तक पहुँचाया। उस्ताद राशिद खान का 9 जनवरी, 2024 को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थ। प्रोस्टेट कैंसर का पता चलने के बाद, खान ने टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में चिकित्सा की मांग की। बाद में उन्होंने कोलकाता में विशेष उपचार कराने का विकल्प चुना। खान ने शुरू में उपचार के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई। लेकिन 23 दिसंबर को उनकी हालत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया और 55 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। इसके पश्चात डॉ. तरुण जोशी ने उस्ताद जी के साथ अपने अनुभव सबके समक्ष साझा किये।
इस अवसर पर संगीत एवं नृत्य विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. आरती श्योकन्द, प्रो. शुचिस्मिता, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. हरविन्दर सिंह, डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. ज्ञान सागर सिंह, डॉ. मुनीष कुमार, डॉ. तरुण जोशी, डॉ. अरूप चटर्जी, डॉ. पूजा चौधरी, संजना रानी, शिखा धीमान आदि उपस्थित रहे।