फौज से रिटायर कैप्टन मेवा सिंह ने पेश की जज्बे की मिसाल, जिद से गांव को बनाया सबसे स्वच्छ, शहर की तर्ज पर गांव में है सीवरेज सिस्टम, अपनी जमीन देकर बनाया कचरा घर और तालाब, बच्चों के लिए लाइब्रेरी का है सपना

कुरुक्षेत्र, 9 जनवरी कहते हैं कि जब इंसान ठान ले तो सब कुछ कर सकता है। ऐसी ही एक जज्बे और हौसले की मिसाल पेश की है कुरुक्षेत्र के डेरा कुंदनपुर लुखी के निवासी कैप्टन मेवा सिंह ने जिन्होंने अपनी मिट्टी का कर्ज चुकाने के लिए गांव का पूरा हुलिया बदल दिया। एक और जहां ग्रामीणों को विकास कार्यों के लिए सरकार की ओर देखना पड़ता है, लेकिन इन्होंने अपने दम पर गांव को न केवल सबसे साफ सुथरा बनाया बल्कि शहर की तर्ज पर सीवरेज व्यवस्था का निर्माण करके लोगों को बीमारियों की चिंता से भी मुक्त करने का काम किया है।
कैप्टन मेवा सिंह के द्वारा किए गए इन कार्यों की गूंज जब स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र तक पहुंची तो उन्हें भी यह गांव देखने की इच्छा जागृत हुई और मुख्यमंत्री का स्वच्छता संदेश लेकर वह मंगलवार को कैप्टन मेवा सिंह के डेरा कुंदनपुर लुखी में पहुंचे जहां उन्होंने सबसे पहले स्थानीय गुरुघर में शीश नवाया। उसके बाद उन्होंने गुरुद्वारा प्रांगण में ग्रामीणों के साथ गांव पर चर्चा की। इस दौरान उनके साथ जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक मुंजाल व सरपंच प्रतिनिधि जसविंदर सिंह भी मौजूद रहे। गांव का निरीक्षण करने के दौरान सुभाष चंद्र ने पाया कि गांव में कहीं भी गंदगी का नामोनिशान नहीं था और गांव की तरह नालियां भी यहां नजऱ नहीं आई। पूरे गांव में सीवरेज सिस्टम को देखकर वे गांव की तारीफ किए बिना नहीं रह सके। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश के सभी लोग ठान लें तो वह भी अपने गांव को शहर जैसा विकसित बना सकते हैं। जरूरत है केवल आगे बढक़र एक कदम उठाने की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब स्वच्छ भारत मिशन अभियान शुरू किया तो उस समय किसी को यह पता नहीं था कि यह अभियान एक दिन जन आंदोलन बन जाएगा।उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन एक आमजन का मिशन है इसे गैर सरकारी बनाना ही हमारा मकसद है। कैप्टन मेवा सिंह ने जो कार्य किया है वह औरों के लिए एक उदाहरण है। वहीं कैप्टन मेवा सिंह ने बताया कि वे जब गांव में थे तो गंदगी और खुली नालियां देखकर उनका मन करता था कि यहां भी शहर की तरह स्वच्छता और सीवरेज व्यवस्था हो।  उन्होंने ठान लिया की वह इसको हरियाणा का एक सबसे सुंदर और स्वच्छ गांव बनाएंगे। बस फिर क्या था उन्होंने गांव के लोगों के साथ मिलकर गांव की तस्वीर को बदलने का काम शुरू कर दिया। बिना किसी सरकारी मदद के उन्होंने गांव में विकास के साथ-साथ लोगों की सोच को भी बदला। आज उनके मेहनत और जज्बे की बदौलत यह गांव कुरुक्षेत्र ही नहीं बल्कि प्रदेश के एक सबसे सुंदर और स्वच्छ गांव के रूप में चमक रहा है। उन्होंने कहा कि अब उनका सपना गांव में एक आधुनिक लाइब्रेरी बनाने का है जहां बच्चे आईएएस और आईपीएस की तैयारी कर सकें। सीईओ जिला परिषद अशोक मुंजाल ने कैप्टन मेवा सिंह के जज्बे की तारीफ करते हुए कहा की गांव में जो भी विकास कार्य बाकी है उन्हें पूरा करने का भरपूर प्रयास करेंगे। उन्होंने यहां पर लाइब्रेरी और स्ट्रीट लाइट के लिए भी प्रस्ताव मांगा है।
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पहले की देश सेवा अब समाज सेवा
डेरा कुंदनपुर लुखी गांव के हर घर से एक फौजी है। कैप्टन मेवा सिंह खुद भी सेना से रिटायर है और अब उनका सपना अपने गांव को शहर की तर्ज पर विकसित करने का है। इसी सपने को लेकर उन्होंने करीब 10 साल पूर्व गांव में सुधार कार्य शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने गांव के लोगों को इक_ा कर उन्हें स्वच्छता का महत्व बताया और फिर सबको साथ लेकर इस को एक मॉडल विलेज बना डाला। इस डेरे में करीब सवा सौ घर है। यही नहीं कैप्टन मेवा सिंह ने अपनी जमीन देकर गांव में गुरुद्वारा, तालाब, कचरा घर और शमशान भूमि का निर्माण भी कराया है। अब गांव के अधिकतर बच्चे विदेश में सेटल हैं। विदेश से भी गांव के बच्चे आर्थिक मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। यही कारण है कि कम जमीन और ना के बराबर बजट होते भी ये गांव प्रदेश में एक मिसाल बन गया है।

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