10 नवंबर को कश्मीर से अपने पिता के साथ साइकिल यात्रा के पर निकली रावी रविवार शाम को करनाल पहुंची। यात्रा के 10 दिन बाद भी रावी के हौसले उतने ही बुलंद है जितने साइकिल यात्रा की शुरू करने के पहले दिन थे। रावी इस यात्रा के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर अपने पिता के साथ कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा पर निकली है।
जानकारी के अनुसार पंजाब के जिले पटियाला के त्रिपुरी की रहने वाली 8 साल की साइकिलिस्ट रावी कौर ने बीती 10 नंवबर को अपने पिता के साथ कश्मीर के लाल चौक से सफर शुरू किया है। रावी का इस सफर को पूरे 2 माह में पूरा करने का लक्ष्य है। यानी इन दो माह में रावी 4500 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करेगी।
पिता है पंजाब पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल
रविवार को रावी की साइकिल यात्रा का 9वां दिन था। रावी की यह यात्रा 9वें दिन करनाल पहुंची। रावी अपने पिता के साथ यहां से दिल्ली, जयपुर, हुजूर साहिब, गेट-वे ऑफ इंडिया, गोवा, कोची होते हुए 2 माह में करीब 4500 किलोमीटर दूरी तय कर कन्याकुमारी पहुंचेंगी। यात्रा में उनके पिता जो पंजाब पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात सिमरनजीत सिंह भी साथ हैं।
हर रोज 100 किलोमीटर सफर तय करने का लक्ष्य
रावी ने बताया कि वह रोज 100 किलोमीटर सफर करके 5 जनवरी तक सफर पूरा करेंगे। बता दें कि यात्रा पूरी होते ही इतनी छोटी उम्र में इतनी लंबी यात्रा करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी रावी के नाम दर्ज हो जाएगा।
यात्रा के साथ 1 घंटे पढ़ाई भी
8 साल की मासूम रावी ने बताया कि वह दूसरी क्लास की छात्रा है। उसने स्कूल से 2 माह की छुट्टी ली है। वह पिता के साथ सुबह 7 बजे यात्रा शुरू कर देती हैं। इससे पहले अपनी मां पवनदीप कौर के साथ वीडियो कॉल के जरिए 1 घंटा स्कूल की पढाई करती हैं। स्कूल टीचर रोजाना उन्हें होम वर्क फोन पर भेजते हैं।
पहले भी 800 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी रावी
रावी ने कहा कि पिता के साथ साइक्लिंग पर वह चंडीगढ़ से शिमला, लाहौल स्पीति और मनाली तक 800 किमी का सफर कर चुकी हैं। उसका नाम इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। वह 5 देश की यात्रा भी करेगी।
साइकिलिस्ट कर रहे रहने-खाने में मदद
साइकिलिस्ट बेटी और पिता की इस यात्रा के दौरान अलग-अलग शहरों के साइकिलिस्ट मदद कर रहे हैं। जिस शहर में रात पड़ती है वहां कमरे और खाने का प्रबंध ये करते हैं।