कुरुक्षेत्र। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक बुधवार को हड़ताल पर रहे। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते बुधवार को मरीज बेहाल रहे। अस्पताल में आए मरीजों ने इलाज के लिए निजी अस्पतालों की ओर रूख किया। हड़ताल में शामिल चिकित्सकों ने अस्पताल परिसर में धरना देकर नारेबाजी की। हड़ताल के दौरान एमरजेंसी सेवाएं सुचारू रही। इसके अलावा कुछ विभागों की ओपीडी भी सुचारू रही। बतां दे कि चिक्सिकों ने इससे पहले भी 9 दिसंबर को दो घंटे की हड़ताल रखी थी। जिसमें चिकित्सकों ने 27 दिसंबर को हड़ताल पर जाने का ऐलान भी किया था। इसी के चलते बुधवार को अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या भी अन्य दिनों की अपेक्षा कम रही। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला प्रधान डा. प्रदीप नागर ने कहा कि अगर मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं होता है, तो 29 दिसंबर को पूरी तरह अस्पताल में ओपीडी बंद रहेगी। आपातकालीन स्थिति में अगर मरीज आता है तो उसका भी चेकअप नहीं किया जाएगा। डा. प्रदीप नागर ने कहा कि मांगों को लेकर सरकार को पहले भी अवगत करवाया जा चुका है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। दो घंटे की हड़ताल पहले भी की जा चुकी है और काले बिल्ले लगाकर रोष भी व्यक्त किया गया है। एसोसिएशन की मांग है कि सरकार एसएमओ के पद पर सीधी भर्ती न करें, चौथी एसीपी का लाभ दिया जाए। सर्विस के दौरान पीजी बाड में छूट दी जाए। डॉक्टरों का अलग से कैडर बनाया जाए। गांव बारना निवासी नरेश कुमार ने बताया कि वह अपनी पत्नी की दवाई लेने के लिए आया था। उसका उपचार जिला नागरिक अस्पताल में ही चल रहा है। पर्ची तो बन गई लेकिन डॉक्टर सीट पर नहीं थे। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण उनका पूरा दिन खराब हो गया। गांव कमोदा निवासी सोहन सिंह ने बताया कि पहले तो किसी ने हड़ताल के बारे में नहीं बताया। ओपीडी के बाहर बैठा कर्मचारी उनकी पर्ची भी नहीं ले रहा था। बाद में वह उठ कर चला गया। अस्पताल में कोई सुनने वाला नहीं था। लोग अपना काम छोड़ कर यहां दवाई लेने आए और यहां डॉक्टर ही नहीं हैं।

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