गीता स्थली कुरुक्षेत्र से संतों के प्रवचन समाज के लिए होंगे उपयोगी:मनोहर
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, संत मोरारी बापू, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, कासनी स्वामी गुरु शरणानंद महाराज ने किया श्री राम कथा का शुभारंभ, देश-विदेश से हजारों की संख्या में लिया संत मोरारी बापू की कथा का आनंद, गीता ज्ञान संस्थानम केंद्र की तरफ से 27 नवंबर तक आयोजित होगी श्रीराम कथा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता ज्ञान संस्थानम केंद्र में बने श्रीश्री कृपा बिहारी मंदिरम् से पवित्र ग्रंथ रामायण को सर पर रखकर यजमान को किया सुपुर्द
कुरुक्षेत्र 19 नवंबर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा से पवित्र ग्रंथ रामायण और गीता का संदेश पूरे विश्व में गूंजेंगा। यह संदेश भारत की आध्यात्मिक संस्कृति के दर्शन करवाने का भी काम करेगा। यह अद्भुत संगम अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 में गीता स्थली पर हो रही संत मोरारी बापू की श्री राम कथा में देखने को मिला है। इस कथा से पूरे समाज को एक उर्जा और प्रेरणा भी मिलेगी। इतना ही नहीं श्री राम कथा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता स्थली कुरुक्षेत्र में संत मोरारी बापू जैसे संतों के प्रवचन समाज कल्याण के लिए उपयोगी होंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला व मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को देर सायं अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मेला क्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम की तरफ से आयोजित 9 दिवसीय श्री राम कथा के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, संत मोरारी बापू, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, वृंदावन रमनरेती से कासनी स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, श्री ब्रहमचारी संस्थाओं के संचालक स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी, सीएम के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती ने दीपशिखा प्रज्वलित कर और पवित्र ग्रंथ रामायण का पूजन करके विधिवत रुप से श्री राम कथा का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्य यजमान राज सिंगला, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, इंग्लैंस से अनीत कपूर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
लोकसभा अध्यक्ष  ओम बिड़ला ने कहा कि श्री राम कथा और श्रीमद्भागवत गीता का संदेश व कथा की अमृत वाणी कुरुक्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेंगी, इन ग्रंथों की वाणी पूरे विश्व तक पहुंचेंगी। संत श्री मोरारी बापू की श्री राम कथा के माध्यम से भगवान श्री राम का संदेश जन-जन तक पहुंचेगा और लोगों को जीवन जीने का संदेश देगा। भारत की आध्यात्मिक संस्कृति का संदेश ऋषि-मुनियों की धरा कुरुक्षेत्र से हजारों सालों से पूरे विश्व के जन-जन तक पहुंच रहा है। कुरुक्षेत्र की इस धरा पर श्री राम कथा का आयोजन होना एक अदभुत और ऐतिहासिक क्षण है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन अवसर पर श्री राम कथा का आयोजन होना एक सौभाग्य का दिन है। एक तरफ पवित्र ग्रंथ गीता को लेकर भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ संत मोरारी बापू की श्री राम कथा के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जीवन सार लोगों तक पहुंचेगा। इस 9 दिन श्री राम कथा से संत मोरारी बापू के प्रवचनों का संदेश लोगों को जीवन में धारण करना चाहिए। इस कथा के माध्यम से लोगों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने की प्रेरणा भी मिलेगी। इतना ही नहीं श्री राम कथा व श्रीमद भगवद गीता की अमृत वर्षा से कुरुक्षेत्र ही नहीं पूरा विश्व एक नए सवेरे का एहसास करेगा। उन्होंने समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी नशे की ओर बढ़ रही है। इसलिए समाज के प्रत्येक नागरिक को मिलकर संकल्प करना चाहिए और नशे का कारोबार करने वाले लोगों पर सामाजिक दवाब बनाकर समाज को नशा मुक्त बनाने का प्रयास करना होगा।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि 5159 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर अर्जुन का मोहभंग करने और कर्म करने का संदेश दिया। यह गीता के उपदेश आज भी पूरी दुनिया के लिए पूर्णत: प्रासंगिक है और अभी हाल में ही अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ कुछ ही दिनों में होने वाला है, जबकि महोत्सव के शिल्प और सरस मेले का आगाज हो चुका है। उन्होंने कहा कि 31 सालों के बाद एक बार फिर से संत मोरारी बापू की श्री राम कथा को सुनने का अवसर कुरुक्षेत्र ही नहीं हरियाणा प्रदेश वासियों को मिला है। इस कथा से पूरी मानवता को एक नई प्रेरणा मिलेगी। इस कार्यक्रम में वृंदावन रमनरेती से कासनी स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, श्री ब्रहमचारी संस्थाओं के संचालक स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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