कुरुक्षेत्र 26 दिसंबर भारतीय रैडक्रास समिति, हरियाणा राज्य शाखा, चण्डीगढ़ द्वारा 24 दिसंबर से 30 दिसंबर तक गीता ज्ञान संस्थानम, कुरूक्षेत्र में सात दिवसीय अन्तर्राज्जीय जूनियर रैडक्रास प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में अलग-अलग राज्यों बिहार, जम्मू कश्मीर, उडी़सा, मेघालय, नागालैण्ड, मध्य प्रदेष व हरियाणा के फरीदाबाद, चरखी दादरी, पानीपत, फतेहाबाद से 127 जूनियर्स व 23 काउंसलर्स भाग लें रहें है। आज के प्रात: कालीन सत्र का आरम्भ योग, प्रार्थना व ध्वजारोपण से हुआ। रिसोर्स पर्सन सुबे सिंह व अमर रवीश ने प्रतिभागियों को योगा के महत्व के बारें बताते हुये कहा कि योग कर्मसु कौशलम् जीवन के प्रत्येक क्षेत्रा में हमें योगमयी होना चाहिए। उन्होनें प्रतिभागियों को प्राणायाम, कपालभाति, भस्त्रिका आदि का महत्व बताते हुये अभ्यास करवाया।
इस शिविर का विधिवत उदघाट्न मंगलवार को मुख्य अतिथि डा0 मुकेष अग्रवाल महासचिव भारतीय रैडक्रास सोसायटी हरियाणा राज्य शाखा चण्डीगढ द्वारा रिबन काटकर व सर जीन हेनरी डयुनान्ट, स्वामी विवेकानन्द और भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित करके किया गया। डा मुकेष अग्रवाल ने इस अवसर पर विभिन्न राज्यों से आये हुये शिविर के सभी प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि रैडक्रास सार्वभौभिक सिद्वांन्तो पर काम करने वाली संस्था है। स्वास्थय, सेवा, मित्रता को हम जीवन जीने की कला के रुप मे देखते है। उन्होने जेआरसी को वीर बाल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि गुरुओं ने इस देश की स्वतंत्रता, संस्कार की संस्कृति की हमेशा रक्षा की है। हमें उनके बताये मार्ग पर बच्चंो को लेकर जाना चाहिए। शहीद उधम सिंह की जयन्ती पर राष्ट्र के प्रति उनके बलिदान को याद करते हुए उन्होने जेआरसी स्वतंन्त्रता सेनानियों की एवं राष्ट्र भक्ति की जीवनियों को पढऩे का आवाहन किया। उन्होने रक्तदान, देहदान और अंगदान के प्रति भी समाज को जागृत किये जाने की आवष्यकता पर बल दिया।
उन्होने कहा कि रैडक्रास के प्रशिक्षण शिविर मानवता, आपदा में सहायता, रक्तदान, देहदान, अंगदान जैसे उद्वात मानवीय मूल्यों को जीवन मे धारण करने की कला सिखाते है। शिविर निदेशक रामाशीश मंडल ने मुख्य अतिथियां का हार्दिक अभिन्नदन करते हुये शिविर में आयोजित होने वाली गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्हांने बताया कि शिविर के माध्यम से रैडक्रास सोसायटी के इतिहास, प्राथमिक चिकित्सा का प्रषिक्षण, विभिन्न विधाओं के माध्यम से लोक मंगल का संदेष देना सिखाया जाता है। डा. सुनील कुमार सचिव जिला रैडक्रास समिति कुरुक्षेत्र व संयुक्त शिविर निदेशक विनीत गाबा ने मुख्य अतिथि, विभिन्न राज्यों से आये हुय प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया। शिविर निदेशक रामाशीश मण्डल ने प्रात:कालीन सत्र में रैडक्रास के इतिहास के बारे में प्रतिभागियों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। रैडक्रास के संस्थापक सर जीन हेनरी डयूना अपने व्यपार बढ़ाने के सीलसीले मे नेपोलिय तृतीय से मिलने इटली गये थे, लेनिक वहॉ सलफरीनो  में भीषण युद्व व युद्व में घायल सैनिकों को देखकर उनकी मनोदशा ही बदल गई। उन्होनें घायल सैनिकों की मदद कैसे किया जाये इसके बारे में सोचने लगे कि लोग युद्व तो कर लेते है लेकिन घायल सैनिकों की सहायता करने बारे में कोई नहीं सोचता है। उनकी सोच व कार्यप्रणाली के कारण एक महान संस्था का उत्पति हुई जो मानवता की सेवा के क्षेत्र में पुरे विश्व में सबसे महान संस्था के रूप में स्थापित है।
उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता की सेवा में अर्पित करते हुये एक महान संस्था की स्थापना की जो पूरे विश्व में निसहाय व जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए कार्य कर रही है। रैडक्रास के प्रतीक के दुरूपयोग को रोकने के बारे में बताया कि कुछ प्रस्तावित तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल किये जाने वाले चिन्ह है जो रैडक्रास की छवि को नुकसान पहुॅचाये बिना ही उदेदश्य की पूर्ति हो सकती है। उन्होंने कहा कि दवाईयों की दुकान, डाक्टर, निजि हस्पताल आदि में इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। भारतीय रैडक्रास सोसायटी, हरियाणा राज्य शाखा और जिला रैडक्रास शाखा द्वारा इसके दुरूपयोग को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये। रिसोर्स पर्सन अन्जू शर्मा ने प्रतिभागियों को उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आहान किया कि सीपीआर की प्रक्रिया को घ्यान से समझे।
उन्होंने बताया कि यह एक जीवन रक्षक प्रणाली है जो दुर्घटना के समय या आकस्मिक स्थिति मे व्यक्ति के जीवन की रक्षा करने मे बहुत महत्वपूर्ण सिद्व होती है। अन्जू शर्मा ने प्रतिभागियों को अभ्यास के माध्यम से इस प्रकिया बारे बताया ताकि आपातकालीन स्थिति मे इसका उपयोग किया जा सके। इस अवसर पर संयुक्त शिविर निदेशक, विनीत गाबा, डॉ. पंकज गौड़, मीना कुमारी, अन्जू शर्मा, कृष्ण कक्कड़, राजकुमार परेवा, विजय भारद्वाज, अन्जू रानी, हंस राज, राकेश कुमार, कुसुम बंसल रमेश परवाना, गोपिका सुदान, जसविन्द्र पाल, सूरज मौर्य, आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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