फूड सप्लाई विभाग ने 808302 और हैफेड ने खरीदा 248457 मीट्रिक टन धान, अब तक 1051502 एमटी धान उठान का कार्य हुआ पूरा, संबंधित अधिकारी निरंतर रख रहे है मंडियों पर नजर
कुरुक्षेत्र 15 नवंबर उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि जिला कुरुक्षेत्र की मंडियों व खरीद केन्द्रों में 14 नवंबर 2023 तक खरीद एजेंसियों ने 10 लाख 56 हजार 759 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसमें से फुड एंड सप्लाई ने 8 लाख 8 हजार 302 एमटी और हैफेड ने 2 लाख 48 हजार 457 मीट्रिक टन धान की खरीद की है। अब तक 165780 किसानों की धान की फसल की खरीद की जा चुकी है, जिसमें से फुड एंड सप्लाई विभाग द्वारा 131926 किसानों और हैफेड द्वारा 33854 किसानों की धान की फसल खरीदी गई है।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि जिला कुरुक्षेत्र के सभी मंडियों व खरीद केंद्रों से सभी एजेंसियों के खरीद कार्य व उठान कार्य से संबंधित रिपोर्ट डीएफएससी द्वारा एकत्रित की जा रही है। जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक की रिपोर्ट के आधार पर जिला कुरुक्षेत्र की अमीन मंडी में 2186 एमटी, अजराना कलां मंडी में 3752 एमटी, बाबैन मंडी में 59522 एमटी, बारना मंडी में 1127 एमटी, भौर सैयदां मंडी में 5060 एमटी, चढुनी जाटान में 3359 एमटी, गुमथला गढु में 38069 एमटी, इस्माईलाबाद में 117812 एमटी, झांसा में 27263 एमटी, कुरुक्षेत्र मंडी में 198525 एमटी, लाडवा मंडी में 140189 एमटी, लुखी मंडी में 1147 एमटी, मलिकपुर मंडी में 5713 एमटी, नलवी मंडी में 4163 एमटी, नीमवाला मंडी में 1353 एमटी, पिहोवा मंडी में 225187 एमटी, पिपली मंडी में 55907 एमटी, शाहबाद मंडी में 127251 एमटी, थाना मंडी में 4425 एमटी व ठोल मंडी में 34749 एमटी धान की फसल खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया है।
उन्होंने कहा कि कहीं पर भी किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं है, अगर कोई दिक्कत आती है तो उसे तुरंत दुरुस्त किया जा रहा है। सभी मंडियों में बारदाना पर्याप्त मात्रा में पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर 2023 तक जिला कुरुक्षेत्र की मंडियों व खरीद केन्द्रों से 10 लाख 56 हजार 759 मीट्रिक टन धान आवक हो चुकी है। इस आवक में से फूड सप्लाई विभाग ने 8 लाख 4 हजार 887 मीट्रिक टन व हैफेड ने 2 लाख 46 हजार 615 मीट्रिक टन धान उठान कार्य सहित कुल 10 लाख 51 हजार 502 एमटी धान उठान कार्य पूरा कर लिया है। उपायुक्त ने कहा कि सभी अधिकारियों व एसडीएम को निर्देश दिए गए है कि अपनी-अपनी मंडियों में मौके पर जाकर प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं का मूल्यांकन करें। फील्ड में जाकर किसानों, व्यापारियों की समस्याओं को सुनें और उनका मौके पर समाधान करने का प्रयास करे।