डॉ. राजेश वधवा
कुरुक्षेत्र। कुरूक्षेत्र में करवा चौथ का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना की। व्रत रखने वाली सुहागिनों ने सुबह चार बजे से पहले उठकर सबसे पहले सरगी की तथा उसके बाद दिनभर निर्जला रहकर व्रत पूरा किया।
महिलाओं द्वारा करवा चौथ के उपलक्ष्य में कई जगह कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। रेलवे रोड से होटल पर्ल मार्ग में फिनिक्स क्लब द्वारा करवा चौथ के उपलक्ष में कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें शिव पार्वती का रूप धारण किए कलाकारों संग महिलाओं ने भक्ति रस में डूब कर जमकर नृत्य भी किया। फिनिक्स क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना भी की, व्रत की कथा भी सुनी।
इसी प्रकार रेलवे रोड स्थित नंगली वाली कुटिया में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भारी संख्या में महिलाओं ने करवाचौथ की कथा सुनी। यहां महिलाओं ने संत महात्माओं के सानिध्य में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और उनका आशीर्वाद भी लिया। मिट्टी के बने करवा को सुहागिनों द्वारा बदला गया। उसी करवे के पानी से रात को चांद निकलने पर अर्घ्य दिया फिर व्रत खोला।
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सामूहिक रूप से करवा चौथ की कथा सुनी
करवाचौथ पर सुहागिनों ने दिनभर का निर्जला व्रत किया। सुबह करवों की स्थापना की और उनमें रक्षासूत्र बांधा। हल्दी और आटे से स्वस्तिक बनाकर पूजन किया। इसके बाद महिलाओं ने सामूहिक रूप से करवा चौथ की कथा सुनी। मंदिर में महिलाओं ने सामूहिक पूजन किया। दिनभर के व्रत के बाद रात में चांद दिखने पर पति के साथ पूजन किया और जल ग्रहण किया।

चांद का दीदार कर सुहागिनों ने खोला व्रत
करवा चौथ पर्व पर बाजारों में काफी भीड़भाड़ बनी रही। सुबह से ही सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर तैयारी में जुट गई थी, जहां उनका अधिकांश समय ब्यूटी पार्लरों व साज सज्जा पर ही बीता। सुबह से ही बिना अन्न-जल ग्रहण किए दोपहर को मोहल्ले में आसपास की महिलाओं ने एकत्रित होकर पति के दीघार्यु होने की कामना के साथ पूजन के दौरान करवा चौथ की परंपरागत कहानी एक-दूसरे को सुनाई। महिलाएं सजधज के नए वस्त्रों, नई साडियां पहने हुए नजर आई। दिनभर निर्जला व्रत रहकर रात्रि में चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोलने का संकल्प लेकर पकवान बनाने की तैयारियों में जुट गई। चंद्र दर्शन हुए तो अपने पति के लिए लंबी उम्र की कामना तो वहीं व्रत खोलने के बाद विवाहित महिलाओं द्वारा सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मांगा गया।

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