उत्साह व उमंग के साथ मनाया जाएगा रत्नावली समारोहः प्रो. सोमनाथ सचदेवा
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने किया रत्नावली पोस्टर का विमोचन
कुरुक्षेत्र, 26 अक्टूबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 28 से 31 अक्टूबर तक होने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह के लिए गुरुवार को कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने रत्नावली समारोह के पोस्टर का विमोचन करते हुए कहा कि इस बार का समारोह बहुत ही उत्साह व उमंग के साथ मनाया जाएगा। राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह देश-विदेश में विशेष पहचान रखता है। हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष होने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह हरियाणवी संस्कृति को विशेष पहचान दिलाने व संरक्षण का कार्य करता है। यही कारण है कि इस समारोह में हरियाणा की लुप्त होती प्राचीन विधाओं को पुर्नजीवित करने का प्रयास किया जाता है वहीं युवाओं को अपनी लोक संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि समारोह का पोस्टर जारी करने के पीछे भी एक सोच है कि हरियाणवी संस्कृति के द्योतक रत्नावली उत्सव हर दृष्टि से प्रचार-प्रसार हो ताकि देश विदेश में भी लोग इससे जुड़ सकें। सोशल मीडिया व प्रचार के जितने भी माध्यम है उनके द्वारा रत्नावली समारोह प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
इस मौके पर कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. दिलीप कुमार, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. जितेन्द्र जांगडा, कुलपति के ओएसडी पवन रोहिल्ला, डॉ. हरविन्द्र राणा मौजूद थे।
हरियाणवी व्यंजनों से स्वादिष्ट होगा रत्नावली उत्सव
घी-कसार, गुड़ का हलवा, चूरमा होंगे विशेष व्यंजन
कुरुक्षेत्र, 26 अक्टूबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 28 से 31 अक्टूबर तक होने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह में हरियाणवी व्यंजनों के स्टाल विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगे। धरोहर हरियाणा संग्रहालय, पर्यटन विभाग और युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग विशेष रूप से स्टाल लगाएगा जिसमें हरियाणवी व्यंजन मिलेंगे। यह जानकारी देते हुए युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि इस बार रत्नावली समारोह में विशेष रूप से हरियाणवी खान-पान दिखाई देगा। इसके लिए युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग गुड़ का हलवा, गुड़ का चूरमा, बेसन की पंजीरी, गुड की चाय व गन्ने के रस की खीर का स्टाल लगाएगा।
धरोहर हरियाणा संग्रहालय द्वारा समारोह में घी-कसार, बाकली, खीर, जलेबी, हलवा व खिचडी का स्टाल लगाया जाएगा। इसी प्रकार पर्यटन विभाग की तरफ से समारोह में चूरमा, बाजरे की रोटी, सरसों का साग का स्टॉल लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार सभी विभाग मिलकर हरियाणवी व्यंजनों के स्टाल लगा रहे हैं ताकि प्रदेशभर से आने वाले युवा कलाकार व दर्शक हरियाणवी व्यंजनों से रूबरू हो सके और उनका स्वाद चख सकें। हरियाणवी व्यंजन जहां हमारी लोक संस्कृति के द्योतक हैं वहीं ये सात्विक और पौष्टिक हैं। सबसे खास बात है कि युवा अपने प्रदेश के व्यंजनों को जान सकेंगे।
250 छात्रों की रत्नावली टीम करेगी रत्नावली समारोह की व्यवस्था
कुरुक्षेत्र, 26 अक्टूबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 28 से 31 अक्टूबर तक होने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह की व्यवस्था 250 छात्रों की रत्नावली टीम करेगी। रत्नावली टीम में 10 उप-टीम बनाई गई हैं जो कि 6 मंचों पर चार दिनों तक होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में पूरी व्यवस्था को देखेंगे। गुरुवार को सीनेट हॉल में युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने रत्नावली टीम के सदस्यों की बैठक ली और सभी सदस्यों को व्यवस्था से लेकर उनके कामकाज की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रत्नावली टीम में छात्रों को अलग-अलग टीमों में बांटा गया है जिसमें एंकरिंग, बैक स्टेज, ट्रांसपोर्ट, स्टाल, हेल्प डेस्क, हास्पिटैलिटी, पंजीकरण, अनुशासन, सोशल मीडिया व मैनेजमेंट टीमें शामिल हैं। उन्होंने सभी टीम के सदस्यों को बारीकी से जानकारी दी और कहा कि सभी छात्रों को एक विशेष प्रकार की टीशर्ट दी जाएगी ताकि उनकी अलग से पहचान हो सके। उन्होंने सबसे पहले बैक स्टेज पर ड्यूटी देने वाले छात्रों को बताया कि वे कार्यक्रम की प्रस्तुति से लेकर टीम की तैयारी पूरी जानकारी अपने पास रखेंगे ताकि हर कार्यक्रम सुचारू रूप से चलें। खासतौर पर जिन छात्रों की ड्यूटी पंजीकरण पर होगी वे पंजीकरण करवाने वाले हर कलाकार का गर्मजोशी के साथ स्वागत करें और उन्हें पूरी जानकारी दें। इसके साथ-साथ उन्होंने अनुशासन टीम के सदस्यों को कहा कि सभी सदस्य हर मंच पर मुस्तैदी से कार्य करें और जो भी दर्शक किसी भी दृष्टि से कार्यक्रम में बाधा पहुंचाने का काम करें और उसकी जानकारी तुरंत प्रशासन व सुरक्षा कर्मचारियों को दें। उन्होंने कहा कि हर टीम के सदस्य की नैतिक जिम्मेवारी बनती है कि वे विश्वविद्यालय का नाम पूरे विश्व भर में पहुंचाने का कार्य करें और जो कार्य उन्हें दिया गया है वे उसे पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ करें।
हस्तकला प्रदर्शनी में दिखेगी हरियाणवी लोक संस्कृति की झलक
कुरुक्षेत्र, 26 अक्टूबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 28 से 31 अक्टूबर तक होने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह में हस्तकला प्रदर्शनी में हरियाणवी लोक संस्कृति की झलक दिखाई देगी। युवाओं को जहां हरियाणवी लोक संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा वहीं उन्हें हरियाणवी परिधान व वस्तुओं की भी जानकारी मिलेगी। हस्तकला प्रदर्शनी में खासतौर पर छात्रों द्वारा बनाई गई वस्तुएं विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगी। इस बार पहली बार समारोह में युवा छात्रों द्वारा अपने हाथों से बनाई गई हरियाणवी संस्कृति से ओतप्रोत चीजें रखी जाएंगी। इससे जहां स्वदेशी अभियान को बल मिलेगा वहीं आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा। यह जानकारी देते हुए युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि हस्तकला प्रदर्शनी में विशेष रूप से फुलझड़ी, बीजना, बंदरवाल दिखाई देगी वहीं इको फ्रैंडली कागज को गलाकर बोइये भी दिखेंगे जिन पर सुंदर व आकर्षक लोक चित्रकला भी प्रदर्शित की जाएगी। इसके अतिरिक्त हरियाणवी लोक परिधान का एक स्टाल लगेगा जिसमें छात्रों द्वारा बनाए गए घाघरा, चुंदडी, कुर्ता आकर्षण का केन्द्र होंगी। यही नहीं छात्रों द्वारा बनाए गए हरियाणवी गुड्डे-गुडिया विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगे।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में स्वदेशी व आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का साकार करते हुए हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है ताकि छात्र स्वयं का कार्य करने की ओर प्रेरित हों और अपनी लोक संस्कृति का प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि हरियाणवी लोक संस्कृति के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। बाजार में हरियाणवी हस्तकला के परिचायक बंदरवाल, फुलझड़ी, बोइए, गुड्डे, गुड़ियों की बहुत मांग है। आज लोग अपने ड्राइंग रूम में शोभा बढ़ाने के लिए इन चीजों का प्रयोग करते हैं। यह सब स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए ही किया जा रहा है।