अधिसूचित स्टेशनो से बिना विलम्ब के गंतव्य स्थान पर पहुंचाने के लिए उठा लिया जाता है माल भाड़ा
अम्बाला शहर – बीते शुक्रवार 25 अगस्त को भारत सरकार के गजट में रेल मंत्रालय के अधीन आने वाले रेलवे बोर्ड द्वारा प्रकाशित एक नोटिफिकेशन मार्फत देश भर के 16 रेलवे जोनों में से 586 रेलवे स्टेशनो को नोटिफाइड स्टेशन अर्थात अधिसूचित स्टेशन के तौर पर घोषित किया गया है. इसमें उत्तर रेलवे जोन के 98 रेलवे स्टेशनों का नाम है जिसमें हालांकि अम्बाला कैंट या अम्बाला शहर दोनों में से किसी रेलवे स्टेशन का नाम शामिल नहीं है.
ऐसे अधिसूचित स्टेशन का दर्जा 25 अगस्त 2023 से अगले छः माह तक प्रभावी रहेगा. उपरोक्त गजट नोटिफिकेशन रेलवे अधिनियम (कानून), 1989 की धारा 89(1) के तहत केंद्र सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा प्रत्येक छः माह के अंतराल बाद जारी की जाती है.
शहर निवासी हाई कोर्ट में एडवोकेट एवं कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि रेलवे कानून, 1989 की धारा 89(1) के अंतर्गत केंद्र सरकार देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनो को अधिसूचित स्टेशन घोषित कर सकती है जिसके द्वारा इन स्टेशनो पर से रेलवे द्वारा ढोया जाने वाला माल एवं अन्य सामान, जो अन्य रेलवे स्टेशनो तक पहुंचाने के लिए बुक किया जाता है, वह इन अधिसूचित स्टेशनो से अति शीघ्र एवं बिना किसी भी विलम्ब के अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचाने के लिए उठा लिया जाता है. ऐसे रेलवे स्टेशनो का चयन केंद्र सरकार कुछ निर्धारित पैमानों के आधार पर करती है. इस सूची में आने के बाद निश्चित तौर पर उस रेलवे स्टेशन का दर्जा बढ़ जाता है क्योकि यहाँ से जाने वाला माल बिना विलम्ब के उठा लिया जाता है एवं तय समय पर अपने गंतव्य पर पहुँच जाता है.
इस बार उत्तर रेलवे जोन से जिन 98 रेलवे स्टेशनो के इस सूची में शामिल किया गया है उनमें चंडीगढ़, अमृतसर, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, गोहाना, गुडगाँव, झज्जर, जींद सिटी, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, नरवाना, पानीपत, पलवल, राजपुरा, रोहतक, शाहाबाद मारकंडा, करनाल, पानीपत, सोनीपत, टोहाना, यमुनानगर जगाधरी आदि रेलवे स्टेशन शामिल हैं.
हेमंत ने बताया कि आज से छः माह पूर्व फरवरी, 2023 में भी रेल मंत्रालय ने ऐसी ही नोटिफिकेशन जारी कर देश भर के 578 रेलवे स्टेशनो को छः माह के लिए अधिसूचित स्टेशन नोटिफाई किया था
जिसमें उत्तर रेलवे जोन के 104 रेलवे स्टेशनों का नाम था एवं उनमें भी अम्बाला कैंट या अम्बाला शहर दोनों में से किसी रेलवे स्टेशन का नाम नहीं था.
उन्होंने आगे बताया कि 4 वर्ष पूर्व अगस्त 2019 में भी जब इसी प्रकार 512 रेलवे स्टेशनो को अधिसूचित स्टेशन घोषित किया गया था, तो उसमें अम्बाला कैंट रेलवे स्टेशन का नाम नहीं था. जिसके बाद हेमंत ने तब रेल मंत्रालय में एक आर.टी.आई. याचिका दायर कर अम्बाला कैंट के रेलवे स्टेशन के उक्त सूची में न होने के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मांगी हालांकि मंत्रालय ने आरटीआई में दिए जवाब में मात्र उन्हें रेलवे एक्ट (कानून) , 1989 की धारा 89 (1 ) की फोटोकॉपी भेज दी थी और दो दस्तावेज भेजे जिससे उन्हें पता चला कि फरवरी, 2009 में जारी नोटिफिकेशन में अम्बाला कैंट रेलवे स्टेशन का नाम उक्त सूची में नाम डाला गया था हालांकि फरवरी, 2012 में जारी नोटिफिकेशन में अम्बाला कैंट का नाम इस सूची से हटा दिया गया.
बहरहाल, उपरोक्त आरटीआई के बाद फरवरी, 2020 से अगस्त, 2021 तक
अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन का नाम उपरोक्त अधिसूचित स्टेशनों की सूची में फिर से शामिल किया जाने लगा परंतु गत वर्ष फरवरी, 2022 से फिर से उक्त सूची से अंबाला कैंट का नाम हटा दिया गया.
ऐसे अधिसूचित स्टेशन का दर्जा 25 अगस्त 2023 से अगले छः माह तक प्रभावी रहेगा. उपरोक्त गजट नोटिफिकेशन रेलवे अधिनियम (कानून), 1989 की धारा 89(1) के तहत केंद्र सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा प्रत्येक छः माह के अंतराल बाद जारी की जाती है.
शहर निवासी हाई कोर्ट में एडवोकेट एवं कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि रेलवे कानून, 1989 की धारा 89(1) के अंतर्गत केंद्र सरकार देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनो को अधिसूचित स्टेशन घोषित कर सकती है जिसके द्वारा इन स्टेशनो पर से रेलवे द्वारा ढोया जाने वाला माल एवं अन्य सामान, जो अन्य रेलवे स्टेशनो तक पहुंचाने के लिए बुक किया जाता है, वह इन अधिसूचित स्टेशनो से अति शीघ्र एवं बिना किसी भी विलम्ब के अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचाने के लिए उठा लिया जाता है. ऐसे रेलवे स्टेशनो का चयन केंद्र सरकार कुछ निर्धारित पैमानों के आधार पर करती है. इस सूची में आने के बाद निश्चित तौर पर उस रेलवे स्टेशन का दर्जा बढ़ जाता है क्योकि यहाँ से जाने वाला माल बिना विलम्ब के उठा लिया जाता है एवं तय समय पर अपने गंतव्य पर पहुँच जाता है.
इस बार उत्तर रेलवे जोन से जिन 98 रेलवे स्टेशनो के इस सूची में शामिल किया गया है उनमें चंडीगढ़, अमृतसर, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, गोहाना, गुडगाँव, झज्जर, जींद सिटी, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, नरवाना, पानीपत, पलवल, राजपुरा, रोहतक, शाहाबाद मारकंडा, करनाल, पानीपत, सोनीपत, टोहाना, यमुनानगर जगाधरी आदि रेलवे स्टेशन शामिल हैं.
हेमंत ने बताया कि आज से छः माह पूर्व फरवरी, 2023 में भी रेल मंत्रालय ने ऐसी ही नोटिफिकेशन जारी कर देश भर के 578 रेलवे स्टेशनो को छः माह के लिए अधिसूचित स्टेशन नोटिफाई किया था
जिसमें उत्तर रेलवे जोन के 104 रेलवे स्टेशनों का नाम था एवं उनमें भी अम्बाला कैंट या अम्बाला शहर दोनों में से किसी रेलवे स्टेशन का नाम नहीं था.
उन्होंने आगे बताया कि 4 वर्ष पूर्व अगस्त 2019 में भी जब इसी प्रकार 512 रेलवे स्टेशनो को अधिसूचित स्टेशन घोषित किया गया था, तो उसमें अम्बाला कैंट रेलवे स्टेशन का नाम नहीं था. जिसके बाद हेमंत ने तब रेल मंत्रालय में एक आर.टी.आई. याचिका दायर कर अम्बाला कैंट के रेलवे स्टेशन के उक्त सूची में न होने के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मांगी हालांकि मंत्रालय ने आरटीआई में दिए जवाब में मात्र उन्हें रेलवे एक्ट (कानून) , 1989 की धारा 89 (1 ) की फोटोकॉपी भेज दी थी और दो दस्तावेज भेजे जिससे उन्हें पता चला कि फरवरी, 2009 में जारी नोटिफिकेशन में अम्बाला कैंट रेलवे स्टेशन का नाम उक्त सूची में नाम डाला गया था हालांकि फरवरी, 2012 में जारी नोटिफिकेशन में अम्बाला कैंट का नाम इस सूची से हटा दिया गया.
बहरहाल, उपरोक्त आरटीआई के बाद फरवरी, 2020 से अगस्त, 2021 तक
अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन का नाम उपरोक्त अधिसूचित स्टेशनों की सूची में फिर से शामिल किया जाने लगा परंतु गत वर्ष फरवरी, 2022 से फिर से उक्त सूची से अंबाला कैंट का नाम हटा दिया गया.