अम्बाला, 4 अगस्त: –
डा0 रणजीत सिंह, प्रोफेसर, हमेटी, जींद ने बताया है कि हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) द्वारा 10वीं पास युवाओं को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फॅार इनपुट डीलर कराया जाएगा। इसके तहत 48 सप्ताह के सफलतापूर्वक प्रशिक्षण करने के बाद हमेटी की तरफ से डिप्लोमा दिया जाएगा। इसके लिए सप्ताह के बाद हमेटी की तरफ से डिप्लोमा दिया जाएगा। इस डिप्लोमा के आधार पर भारत के किसी भी राज्य में बीज, खाद व दवाई बेचने का लाइसैंस प्राप्त कर सकेंगे और यह लाइसैंस कृषि विभाग के जिला उप कृषि निदेशक द्वारा दिया जाएगा।
डा0 जसविंद्र सिंह, उप कृषि निदेषक, अम्बाला ने बताया कि इस डिप्लोमा की फ ीस 20 हजार रूपये है और यह डिप्लोमा उन्हीं व्यक्तियों को कराया जाता था, जो लोग पहले ही इस व्यवसाय को कर रहे हैं और उनके पास लाइसेंस है। पहले बीज, खाद व दवाई की डीलर के लाइसेंस के लिए डिप्लोमा की कोई शर्त नहीं थी। कुछ साल पहले भारत सरकार ने बीज, खाद व दवाई के डीलरर्स के लिए ये डिप्लोमा अनिवार्य कर दिया था। डिप्लोमा के बिना लाइसेंस नहीं बनेगा और इसके बाद ही नए व पुराने लाइसेंस रिन्यू हो पाएंगे। इस डिप्लोमा का उद्देश्य किसानों को अधिक से अधिक नवीनतम कृषि संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाना है। ये कदम किसानों की आय दुगुनी करने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होनें बताया कि किसान अपने खेत के लिए बीज, उर्वरक और कीटनाशक बीज, कीटनाशक और उर्वरक की दुकान से खरीदता है। ऐसे में जरूरी है कि इस संबंध में उन्हें बुनियादी ज्ञान हो।