नूंह हिंसा में अब तक 93 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इनमें नूंह में 46, गुरुग्राम में 23, पलवल में 18, रेवाड़ी, फरीदाबाद में 3-3 एफआईआर दर्ज हुई हैं। पुलिस ने 186 लोग गिरफ्तार किए हैं। 78 हिरासत में लिए हैं। नूंह जिले में 139 गिरफ्तारियां हुई हैं।

सिटी व सदर थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार 82 लोगों में 6 लोग नूंह से लगते राजस्थान के भरतपुर, अलवर जिले के हैं। 4 युवक हरियाणा के पलवल जिले के हथीन क्षेत्र के हैं। नूंह में गांव मुरादबास के सबसे ज्यादा 17 व मेवली के 9 लोग पकड़े हैं। नूंह में दर्ज सभी एफआईआर की जांच के लिए डीएसपी की अध्यक्षता वाली 3 एसआईटी गठित की हैं।

वहीं, जांच टीम की मानें तो हिंसक भीड़ की अगुवाई पंजाब नंबर की एक कार कर रही थी। कार पंजाब के मानसा जिले के फौजी के नाम पर रजिस्टर्ड है। निर्मल सिंह के परिवार के सदस्यों ने बताया कि डेढ़ साल पहले कार दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण कंपनी को वापस भेज दी गई थी। इसके बदले कंपनी की ओर से पूरा भुगतान किया जा चुका है। ग्रामीणों ने मामले में निर्मल का कोई संबंध न होने की बात कही है।

खुलासा: 30 युवक नारे लगाते हाईवे पर एक किलोमीटर चले तो 300 की भीड़ जुट गई, फिर ब्रजमंडल यात्रा पर कर दिया पथराव

नूंह हिंसा की जांच शुरू हो गई है। घटनास्थल के आसपास के 31 जुलाई के सीटीवीवी फुटेज, वीडियो, मोबाइल डंप और सोशल मीडिया को पूरी तरह खंगाला जा रहा है। पुलिस के सूत्रों के अनुसार, इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान सबसे पहले सुबह 11:00 बजे समुदाय विशेष के करीब 30 युवक नूंह के होडल चौक पर इकट्‌ठे हुए थे।

ये होडल रोड की तरफ से आए थे। फिर दिल्ली-अलवर रोड पर अपने समुदाय से जुड़े नारे लगाते हुए तिरंगा चौक की ओर चल दिए। हाईवे पर बने खोखों, दुकानों में पहले से बैठे अन्य युवा भी उनकी भीड़ में शामिल होते गए। जैसे-जैसे वे आगे बढ़ते रहे, वैसे-वैसे भीड़ बढ़ती गई।

एक किमी. दूर स्थिति तिरंगा चौक तक यह संख्या 250-300 तक पहुंच गई। यहां से गुजर रही ब्रजमंडल यात्रा में जय श्रीराम के नारे लग रहे थे। समुदाय विशेष के युवकों ने यात्रा पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। यहीं से हिंसा शुरू हुई। बहुत कम संख्या में तैनात पुलिस बल भीड़ को काबू नहीं कर सका।

सूत्रों का कहना है किजिस वक्त होडल चौक पर एकत्रित हुए 30 युवाओं ने नारे लगाने शुरू किए थे, उसी वक्त वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने थानेदार को सूचना दी थी। थानेदार व अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे, लेकिन वे भी उन्हें रोकने में विफल रहे। भीड़ लगातार बढ़ती देख अफसरों को सूचना देकर अधिक पुलिस बल की मांग की गई, लेकिन अफसरों की ओर से इसकी अनदेखी की गई, जिसके चलते नूंह जल उठा।

जांच में सामने आया है कि हिंसा से पहले ही उपद्रवियों ने तिरंगा चौक के पास स्थित घरों की छतों पर पत्थर जमा किए हुए थे। यहां सफेद पेंट वाले मकान की छतों से जमकर पत्थर बरसाने के वीडियो भी सामने आए हैं। नूंह के सिटी थाने के एसएचओ ओमबीर का कहना है कि होडल चौक पर ही उपद्रवी एकत्रित हुए थे। तब इनकी संख्या कम थी, तिरंगा झंडा चौक तक संख्या 250-300 हो गई।

अलर्ट: नूंह के डीसी ने जुमे की नमाज घर में ही अदा करने की अपील की

शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज को लेकर कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई गई है। नूंह के डीसी प्रशांत पंवार व एसपी वरूण सिंगला ने उलेमाओं से अपील की है कि वे जुमे की नमाज घरों में ही अदा करें और लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। खुले में नमाज न करने की अपील की गई है। हालांकि, गृह विभाग के एसीएस ने कहा है कि जुमे की नमाज पहले की तरह होगी।

फैसला: हेटस्पीच की जांच को गृह सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनी

सोशल मीडिया पर हेटस्पीच की जांच के लिए सरकार ने कमेटी गठित की है। इसका चेयरमैन गृह विभाग के सचिव-1 को बनाया है। एसपी सीआईडी, सूचना एवं टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के डिप्टी सेक्रेटरी व गृह विभाग के इंटरसेप्शन असिस्टेंट को सदस्य बनाया है। कमेटी हिंसा से पहले और बाद की इससे जुड़ी पोस्ट की जांच करेगी। यह रिपोर्ट सरकार को देगी। नूंह में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर 3 केस दर्ज हुए हैं।

इंटरनेट: 4 जिलों में 4 घंटे के लिए चालू किया, कर्फ्यू में 3 घंटे ढील दी

नूंह में सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। नूंह, पलवल, फरीदाबाद व गुरुग्राम के पटौदी, मानेसर, सोहना सब डिवीजन में 5 अगस्त तक इंटरनेट बंद रखा गया है। यह गुरुवार को 4 घंटे के लिए चालू किया गया, ताकि सीईटी के एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जा सके। अभ्यर्थियों को सीआईडी की ओर से एसएमएस किए जाने के आदेश दिए गए थे। नूंह व पलवल में शुक्रवार को भी स्कूल बंद रहेंगे।

साइबर क्राइम का रिकॉर्ड जलाने की साजिश?

500 मी. में 3 थाने छोड़ 2 किमी. दूर जाकर साइबर थाने पर हमला किया

भास्कर पड़ताल- नूंह के 2 थानों में गिरफ्तार 82 लोगों में 4 पलवल और 6 भरतपुर-अलवर के

सौहार्द की नींव कांपी

हिंसा में अब तक 93 एफआईआर, 186 लोग गिरफ्तार, 78 हिरासत में; नूंह के मुरादबास गांव से सबसे ज्यादा 17 और मेवली से 9 लोग पकड़े

गहलोत बोले- हरियाणा ने आरोपियों को पकड़ने में सहयोग नहीं किया, गृह सचिव का जवाब- कभी संपर्क ही नहीं किया

भरतपुर के जुनैद-नासिर की हत्या में आरोपी व गोरक्षक मोनू मानेसर को लेकर सीएम मनोहर लाल के बयान पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, ‘हरियाणा के सीएम बयान देते हैं कि हरसंभव मदद करेंगे, पर जब नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने गई तो हरियाणा पुलिस ने सहयोग नहीं किया।

राजस्थान पुलिस पर एफआईआर दर्ज कर ली। हरियाणा के सीएम हिंसा रोकने में नाकाम रहे हैं। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।’ इस पर हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा, ‘राजस्थान पुलिस ने किसी तरह का संपर्क नहीं किया है। बिना सूचना दिए कार्यवाही की है तो उसकी जानकारी नहीं है।

पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, उग्र भीड़ की तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद पुलिस की तरफ से भी बचाव में 100 से ज्यादा राउंड फायर किए गए। पूरे घटनाक्रम में एक और बड़ी बात यह निकलकर सामने आई है कि जहां से हिंसा शुरू हुई, वहां से 500 मीटर के दायरे में 3 पुलिस थाने है, लेकिन उपद्रवियों ने 2 किलोमीटर दूर जाकर अनाज मंडी में स्थित साइबर थाने पर हमला किया।

भीड़ की तरफ से थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों पर अवैध हथियारों से फायरिंग की गई। 10 गाड़ियां व एक बाइक फूंक दी। एक पुलिसकर्मी से लूटपाट भी की। स्थिति बेकाबू होती देख पुलिस ने भी बचाव में फायरिंग की। इसके बाद दंगाई भाग निकले। साइबर थाने पर हमले का उद्देश्य साइबर अपराधियों के रिकॉर्ड को खुर्द-बुर्द करना भी माना जा रहा है।

दरअसल, नूंह क्षेत्र साइबर क्राइम का देश का दूसरा जामताड़ा कहा जाता है। नूंह व इससे लगते राजस्थान के भरतपुर से इस पूरे नेटवर्क को चलाया जा रहा है। 28 अप्रैल को हरियाणा पुलिस के 5 हजार जवानों की 102 टीमों ने एकसाथ 14 गांवों में 320 स्थानों पर रेड कर साइबर क्राइम से जुड़े 66 लोग गिरफ्तार किए थे। 12 हजार फर्जी सिम बंद किए गए थे। माना जा रहा है कि उपद्रवियों ने इसी के विरोध में साइबर थाने पर हमला किया, ताकि साइबर क्राइम से जुड़े लोगों का रिकॉर्ड जला सकें।

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