कहा, फ्लड़ कंट्रोल का फंड कहां गया, हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवाई जाए जांच
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कुरुक्षेत्र में बने बाढ के हालात और विधायक रहे एस्टीमेंट कमेटी के टूर मे व्यस्त
कुरुक्षेत्र, 29 जुलाई। हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कुरुक्षेत्र व हरियाणा में बने बाढ के हालात को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा है। उन्होने कहा कि बाढ के समय में सरकार ने कोई कदम नही उठाए बल्कि विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने आगे बढकर पीडि़तों की मदद करने का काम किया है। इतना ही नही संकट की घड़ी में अपना दुख प्रकट करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने का काम किया है। वे शनिवार को केडीबी रोड़ स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। उन्होने सरकार से मांग की कि बरसात के पानी से अनेकों घर ढह गए, घरों मे पानी घुसने से आमजन का नुकसान हुआ, दुकानदारों की दुकानों में नुकसान हुआ है। इतना ही नही लगभग 40 लोगों ने अपनी जान गवाई है, इन सभी को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाए। इस मौके पर उनके साथ राजकुमार पिंडारसी, इंप्रुवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, पूर्व पार्षद विवेक मैहता विक्की, ओमप्रकाश ओपी, सुभाष पाली, हिमांशु अरोड़ा सहित अन्य भी मौजूद रहे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि आमतौर पर सरकार द्वारा बरसात का सीजन शुरू होने से पहले बैठक का आयोजन किया जाता है। बैठक में बाढग्रस्त क्षेत्रों के बारे में चर्चा होती हे और सभी जिलों के डीसी द्वारा डिमंाड भेजी जाती है ओर सरकार फंड जारी करती है। सरकार द्वारा बाढ के बचाव के लिए जो भी फंड भेजा है वह कहां लगाया गया, यह बड़ा सवाल आज बन रहा है। सरकार को होईकोर्ट के सीटिंग जज से इस पूरे मामले की जांच करवानी चाहिए। बरसात से पूर्व न तो नालों की सफाई की गई और न ही कोई व्यवस्था बनाई गई। थानेसर के अनेकों गांव में आज भी पानी भरा हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि कुरुक्षेत्र के नाल गंदगी के अंटे पड़े हैं और पानी नालों के उपर से चल रहा है।
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मुआवजा जारी करे सरकार
अशोक अरोड़ा ने कहा कि बरसात से पहले किसानों द्वारा धान की रोपाई कर दी गई थी। बरसात का पानी भरने से पहले रोपाई की गई धान पूरी तरह से नष्ट हो गई। इसके बाद फिर से पानी भर गया जिससे फिर से धान की रोपाई की गई फसल नष्ट हो गई। ऐसे में किसानों को बहुत भारी नुकसान हुआ है। उन्होने गांव इशाकपुर, हथीरा, किरमच व अन्य गांवों का जिक्र करते हुए कहा कि यहां आज तक भी पानी खड़ा हुआ है। इन खेतों में किसान कब धान की रोपाई कर सकेंगें? मुख्यमंत्री द्वारा अनाऊंस किया गया है कि 15 अगस्त तक जीरी न लगे तो सरकार 15 हजार रूपए देगी जबकि नुकसान बहुत ज्यादा हुआ है। इसके अलावा अनेकों लोगों के मकान ढह गए हैं, दरारें आ गई हैं और दुकानदारों की दुकानों में लाखों का नुकसान हो गया है। सरकार को चाहिए कि हर वर्ग को मुआवजा दे ताकि ये लोग भरपाई कर सकें।
सरस्वती पर हो रहे अवैध निर्माण पर सरकार को घेरते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र में कांग्रेस के लाडवा से विधायक मेवा सिंह ने आवाज उठाई थी कि सरस्वती पर लगातार अवैध कब्जे किए जा रहे हैं और कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इस सवाल पर मुख्यमँत्री ने उल्टा विधायक को ही कहा था कि इसमें आपकी नीजि क्या रूचि है। लेकिन अब जब सरस्वती में अवैध कब्जों के कारण शहर डुबने की स्थित में आया तो अवैध कब्जे वालों को नोटिस भेजने शुरु किए। उन्होने कहा कि नोटिस तो उन्हे भेजने चाहिए जिन्होने सरस्वती नदी में कॉलोनियां काटी हैं और आम जनता को झांसे में रखा है।
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सुनाया दर्द तो किया मुकदमा दर्ज
अशोक अरोड़ा ने निंदा करते हुए कहा कि बरसाती पानी आने से कुरुक्षेत्र की कई कालोनियां तहस नहस हो गई और स्थानीय लोगों का जीना दुस्वार हो गया लेकिन डीडी कॉलोनी के एक व्यक्ति, जोकि भाजपा कार्यकर्ता भी है, ने जब अपना दु:खड़ा सुनाया और कहा कि पहले इंतजाम नही किए और अब पानी लेकर लेकर पहुंच रहे हो, तो सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के जेई ने उस व्यक्ति सरकारी काम में बाधा पहुंचाने पर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है जोकि शर्मनाक बात है। यह सरकार दुख भी लोगों को प्रकट नही करने दे रही। उन्होने मांग की कि जल्द से जल्द जेई द्वारा दर्ज करवाए गए इस मुकदमे को रद्द करवाया जाए। इस मामले को लेकर वे जल्द एसपी से भी मिलेंगें।
विधायक थानेसर को घेरते हुए अशोक अरोड़ा ने कहा कि जब बरसात के पानी के कारण कुरुक्षेत्र में बाढ की स्थिति बनी हुई थी तो विधायक विधानसभा एस्टीमेट कमेटी के टूर में व्यस्त रहे और कुरुक्षेत्र में अमरनाथ यात्रा करने की बात कही गई जबकि वे कश्मीर की वादियों का आनंद ले रहे थे और हल्के के लोग परेशान हो रहे थे।