लाडवा 22 जुलाई (विजय कौशिक ) मणिपुर बलात्कार मामला देश की अस्मिता पर कलंक है। जिसके जिम्मेदार सत्ता में बैठे वो लोग हैं। जो ढाई तीन महीने से जलते हुए मणिपुर पर दो शब्द नहीं बोल पाए। अगर समय रहते देश के मुखिया ने संज्ञान ले लिया होता तो  शायद मामला सुलझाया जा सकता था।आज महिलाओं की चीख-पुकार से पूरा देश स्तब्ध ना होता। यह बात सर्वजातीय सर्वखाप महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष दहिया ने पत्रकार वार्ता में कही।
 उन्होंने कहा कि विश्व गुरु का दंभ भरने वाले सत्ता में बैठे लोगों से वह पूछना चाहती है कि जो लोग दूसरे देशों के युद्ध को रुकवाने की क्षमता की बात करते हो। वही लोग आज अपने ही देश के एक प्रदेश को जलते हुए कैसे छोड़ सकते हैं? महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को आड़े हाथों लेते हुए डॉ संतोष दहिया ने कहा कि जो महिला पूर्व प्रधानमंत्री को चूड़ियां भेजने की हिम्मत रखती हो, वह महिला आज हाथरस,उन्नाव, महिला खिलाड़ी,मणिपुर जैसे मामलों पर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह खुद मानते हैं कि यह केवल एक मामला नहीं है बल्कि हजारों ऐसे मामले हैं। जिनमें सरेआम महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है। घर जलाए जा रहे हैं,लोगों को मारा जा रहा है। उसके बावजूद वह अपने पद पर यूं के यूं बने हुए हैं। डॉ संतोष दहिया ने पुलिस की कार्यवाही पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाएं खुद को बचाने के लिए पुलिस तक पहुंच जाती हैं। लेकिन खुद पुलिस उन्हें बचाने की बजाय भीड़ के हवाले कर देती है। महिलाओं को नग्नता के साथ केवल परेड ही नहीं कराई गई बल्कि उन्हें भूखे भेड़ियों की तरह नोचा गया और फिर उनका बलात्कार किया गया और बलात्कार किसी एक दो व्यक्ति ने नहीं किया बल्कि सैकड़ों- हजारों लोगों की तादाद में उनके साथ बलात्कार किया।इससे बड़ी शर्म की बात इस हिंदुस्तान में नहीं हो सकती। 21 वर्षीय एक लड़की के भाई ने जब उसे बचाने की कोशिश की तो उसे भीड़ ने पीट-पीटकर जान से मार डाला। सत्ता के लिए आज धर्म और जातियों में लोगों को बांट दिया गया है। जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों की इतनी भी क्षमता नहीं है कि वे अपने देश के एक जलते हुए प्रदेश को बचा सके। तो उन्हें किसी भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री जी, महिला एवं बाल विकास मंत्री, रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष सभी लोगों को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने रोते हुए कहा कि देश को विश्व गुरु या हिंदू राष्ट्र बनाने से ज्यादा जरूरी है देश के लोगों की रक्षा करना।

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