कुरुक्षेत्र पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे में
ढकोसला साबित हो रहा हरियाणा पुलिस का सेवा-सुरक्षा-सहयोग का नारा
पुलिस क्लीयरेंस करवाना लोगों के लिए बना जी का जंजाल
सिटी थाना में 2 दिन का काम हो रहा 20 दिनों में
कुरुक्षेत्र 22 जुलाई : इन दिनों पासपोर्ट वेरिफिकेशन को लेकर स्थानीय लोगों में बेहद आक्रोश है । पासपोर्ट एवं विदेशों में पीआर लेने के लिए हर व्यक्ति को पुलिस वेरिफिकेशन की औपचारिकता निभानी पड़ती है। जिसके लिए पुलिस विभाग पासपोर्ट अथवा पीआर वाले आवेदक के अपराधिक रिकॉर्ड की जांच करता है । अपराधिक रिकॉर्ड ना होने पर तुरंत पुलिस क्लीयरेंस जारी करने का प्रावधान है । प्रक्रिया में पासपोर्ट के आवेदक द्वारा 2 व्यक्तियों की आईडी के साथ विटनेस भी पुलिस में दी जाती है । यह प्रक्रिया मात्र 3 दिन की है। मगर इन दिनों पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर मात्र पैसे ऐंठने के लिए साधारण लोगों को अनाप-शनाप दस्तावेज पेश करने के लिए कहा जा रहा है। पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) की औपचारिकता पूरी करने के लिए साधारण व्यक्ति को पुलिस थानों के इस कदर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। ऐसे में लोग तोबा तोबा करने लगे हैं। इतना ही नहीं पुलिस वेरिफिकेशन की आड़ में साधारण लोगों से पुलिस लोगों से मुजरिम जैसा बर्ताव कर रही है जिसको लेकर स्थानीय लोगों में बेहद रोष है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर पुलिसकर्मी जेबें गर्म करने में लगे हैं। ताज्जुब की बात यह है कि साधारण ग्रहणी महिलाओं के लिए पुलिस क्लीयरेंस पाने के लिए पुलिस कर्मचारियों द्वारा अनाप-शनाप दस्तावेज दिखाने को कहा जा रहा है जिनका पुलिस क्लीयरेंस से कोई लेना देना नहीं है । वास्तव में पुलिस वेरिफिकेशन की आड़ में आम लोगों को बेवजह परेशान किया जा रहा है । हैरत की बात यह है कि सेक्टर-13 सिटी थाना में पुलिस वेरिफिकेशन करवाने आए लोगों हरीश कुमार, अनिल कुमार, प्रवीण, सुषमा देवी, सरिता शर्मा ने कहा कि बिना वजह थाने के कई चक्कर लगाने के बाद भी संबंधित अधिकारी पीसीसी देने में आनाकानी कर रहे हैं । जिसके कारण एक साधारण आदमी को पुलिस कर्मचारियों द्वारा बिना वजह टेंशन दी जा रही है। ऐसे में हरियाणा पुलिस का सेवा-सुरक्षा-सहयोग का नारा ढकोसला साबित हो रहा है।
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पुलिस कर्मी द्वारा दस्तावेजों से छेड़छाड़
पुलिस वेरिफिकेशन की पीड़िता सरिता रानी का कहना है कि उन्होंने दस्तावेज भरकर सिटी थाना में जमा करवाए थे। दस्तावेजों में लिखे गए कॉलम से संबंधित पुलिस कर्मचारी द्वारा छेड़छाड़ की गई है जिसकी वजह से उन्हें प्रताड़ित होना पड़ा। क्योंकि जो लिख कर दिया गया था उस पर पुलिस कर्मचारी द्वारा ओवर राइटिंग कर दी गई थी। जो गलत है। उन्होंने बताया कि आवेदक के खिलाफ देश में कहीं भी, किसी भी किस्म का, कभी भी, कोई भी अपराधिक मामला नहीं था । उसके बावजूद सिटी थाना के मुंशी कमल द्वारा बिना वजह प्रताड़ित किया गया। ऐसे में 3 दिन का काम 20 दिन धक्के खाने पड़े। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली शक के दायरे में है ।
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एसपी के आदेश भी दरकिनार
सूत्रों के अनुसार पुलिस वेरिफिकेशन करवाने वाले कई लोगों ने प्रक्रिया जल्द पूरी करने के लिए कथित तौर पर जिला पुलिस अधीक्षक से भी गुहार लगाई । जिला पुलिस अधीक्षक ने तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए । मगर सेक्टर 13 सिटी थाना के संबंधित कर्मचारी ने कोई परवाह नहीं की।
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क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
एसपी कार्यालय में सिक्योरिटी ब्रांच इंचार्ज निर्मल सिंह का कहना है कि पासपोर्ट अथवा पीआर लेने वालों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन की जाती है। यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर भेज दी जाती है। पुलिस वेरिफिकेशन में आवेदन करने वाले के खिलाफ अपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जाती है। आवेदक की जान पहचान के दो विटनेस के साथ आईडी प्रूफ लिए जाते हैं अगर अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है तो तुरंत क्लीयरेंस दे दी जाती है।
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सेक्टर 13 सिटी थाना का दृश्य
एसएचओ राकेश राणा