कला कीर्ति भवन में से हरियाणवी नाट्य उत्सव-2023 शुरु, 11 नाटकों का होगा मंचन
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कुरुक्षेत्र 20 जुलाई। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा द्वारा कला और संस्कृति के नए आयाम स्थापित करते हुए भारतीय संस्कृति को नई पहचान दिलाने में अहम भूमिक निभाई जा रही है। विभिन्न आयोजनों में अलग-अलग विधाओं के कार्यक्रमों के द्वारा विभाग न केवल प्रतिष्ठित कलाकारों की प्रतिभा का सम्मान करता है, बल्कि उभरते कलाकारों को भी मंच प्रदान करते हुए सांस्कृतिक छटा बिखेरने में तत्पर रहता है। इसी कड़ी में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजेश खुल्लर एवं महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल के दिशा-निर्देश में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा हरियाणवी नाट्य उत्सव का आयोजन करने की पहल की गई है। यह जानकारी हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने दी। उन्होंने बताया कि कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा हरियाणा कला परिषद के सहयोग से कला कीर्ति भवन में दो भागों में हरियाणवी नाट्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 21 से 23 जुलाई व 28 से 30 जुलाई तक 11 नाटकों का मंचन किया जाना है। विभाग की कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (रंगमंच) तानिया जी.एस. चौहान के नेतृत्व में आयोजित होने वाले हरियाणवी नाट्य उत्सव का आगाज 21 जुलाई को हिसार से डा. संध्या शर्मा द्वारा निर्देशित हरियाणवी नाटक पिंगला भतृरि से होगा। जिसका समय सायं 5 बजे रहेगा। नाट्य उत्सव का शुभांरभ कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के नवनियुक्त मानद सचिव उपेंद्र सिंघल एवं कुरुक्षेत्र 48 कोस कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन छाबड़ा द्वारा किया जाएगा। वहीं विभाग की कला एवं संस्कृति अधिकारी (नृत्य) सुमन डांगी, कला एवं संस्कृति अधिकारी (संगीत) डा. दीपिका रानी, कला एवं संस्कृति अधिकारी (चित्रकला) रेनू हुड्डा व कला एवं संस्कृति अधिकारी (मूर्तिकला) हृदय कौशल भी उद्घाटन अवसर पर उपस्थित रहेंगे। भसीन ने बताया कि 21 जुलाई को सायं 7 बजे रंगकर्मी पूनम के निर्देशन में नाटक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मंचित किया जाएगा। वहीं 22 जुलाई को सायं 6 बजे विकास शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक गई भैंस पाणी में, 23 जुलाई को सायं 5 बजे करण लड्डा के निर्देशन में चरणदास चोर व 7 बजे ऋषिपाल द्वारा निर्देशित नाटक मां मंचित होगा। अगले सप्ताह 28 जुलाई को पहला नाटक सिंध का भगत तथा दूसरा नाटक कोई ते मन्ने जवाब दे मंचित होगा। 29 जुलाई को जन्मदिन का तोहफा व मारे अरमान अशुष्मान नाटक मंचित होंगे। नाट्य उत्सव के समापन पर नाटक शिक्षा और संस्कार व साईकिल का दाह संस्कार मंचित किये जाएगें। संजय भसीन ने बताया कि नाटक मंचन के लिए प्रवेश निशुल्क है।