किसान सब्जी के खेतों में पानी न खड़ा होने दें : डा. सी.बी. सिंह
कुरुक्षेत्र, 28 जून : बरसाती सीजन शुरू होते ही किसानों को सब्जियां उगाने की चिंता सताने लगी है। लेकिन कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बरसातों के मौसम में विशेषकर सब्जियों के खेतों में पानी के ठहराव पर ध्यान देने की आवश्यकता है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बरसात के मौसम में सब्जी लौकी, तोरई, करेला व अन्य सब्जियां किसानों को बेहतर उपज प्रदान करती हैं। इन से किसानों को कम कीमत में अधिक लाभ होता है।कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह ने कहा कि किसान खेतों में पानी की निकासी की व्यवस्था ठीक रखें। उन्होंने कहा कि बरसात के कारण खेतों में पानी खड़ा होने से सबसे अधिक सब्जियों की फसलें खराब होती हैं। पानी खड़ा होने से बेल वाली तथा अन्य सब्जियों में गलन व सड़न की स्थिति पैदा हो जाती है। किसानों को खेतों में समय समय पर नजर रखनी चाहिए।
डा. सिंह ने कहा कि किसान को बरसात के मौसम में खेती करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। खेतों में जलभराव के कारण उन्हें भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है। बरसाती सीजन में लौकी, तोरई, करेला, खीरा, भिंडी, लोबिया, बैगन, मिर्च की खेती बरसात में काफी उपयोगी साबित होती है। इसी के चलते अधिकतर किसान कद्दूवर्गीय सब्जी लगाना अधिक पसंद करते हैं। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार बरसाती सब्जी लगाते समय 1.5 मीटर की दूरी पर गड्ढे खोद कर सड़ी गोबर खाद को मिला दें। एक जगह पर दो या तीन बीज बोएं। भिंड़ी, लोबिया को लाइन से 45 से.मी. और पौध 45 से.मी. पर रोपाई करें। इसके अलावा बरसात में आम व अमरूद, लीची, कटहल, जामुन व नींबू के पौधों को रोपा जा सकता है।

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