एनईपी को पूरी तरह से लागू करने की हम सभी की सामूहिक जिम्मेवारीः आनंद मोहन शरण
अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, आईएएस ने किया राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु तैयार विस्तृत दिशा-निर्देशों की विवरणिका का विमोचन
केयू में संबंधित कॉलेजों/संस्थानों के यूजी प्रोग्राम्स में एनईपी के 
क्रियान्वयन हेतु कार्यशाला आयोजित
कुरुक्षेत्र, 16 जून। अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्चतर शिक्षा हरियाणा आनंद मोहन शरण, आईएएस ने कहा कि एनईपी को पूरी तरह से लागू करने की हम सभी की सामूहिक जिम्मेवारी है। जब उच्च शिक्षा प्रणाली बडे़ बदलाव की ओर बढ़ रही है तो हमारी भी उसमें महत्वपूर्ण भागीदारी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति हर संस्थान, यूनिवर्सिटी, शिक्षक, विद्यार्थी को सृजनात्कता, नवाचार को प्रदर्शित करने का सुअवसर प्रदान करती है। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हाल में हरियाणा उच्चतर शिक्षा निदेशालय के तत्वावधान में सम्बन्धित कॉलेजों/संस्थानों के यूजी प्रोग्राम्स में एनईपी के क्रियान्वयन हेतु आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु तैयार विस्तृत दिशा-निर्देशों की विवरणिका का विमोचन भी किया गया। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा द्वारा मुख्यातिथि को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्चतर शिक्षा हरियाणा आनंद मोहन शरण ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सम्बन्धित कॉलेजों व संस्थानों के यूजी/इंटिग्रेटिड प्रोग्राम्स में एनईपी-2020 के क्रियान्वयन के शुभारंभ की बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच किया गया था जिसका लक्ष्य 2030 तक एनईपी को पूरे देश में लागू करना था। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2025 तक शिक्षा नीति को पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने प्रदेश में सबसे पहले विश्वविद्यालय परिसर के यूजी प्रोग्राम्स में सत्र 2022-23 में इसे लागू किया। उन्होंने कहा कि एनईपी दस्तावेज को पढ़ने की जरूरत है। उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि कॉलेज एनईपी को लागू करने के लिए कुछ न कुछ स्मार्ट तरीका विकसित करें अपने यहां स्मार्ट क्लास रूम बनाएं। यदि फैकल्टी की कमी है तो कुछ समय के लिए प्री रिकार्डिड लेक्चर द्वारा यह कमी पूरी कर सकते हैं। उन्होंने केयू कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को प्रदेश में सबसे पहले एनईपी लागू करने के लिए बधाई दी तथा कहा कि आने वाले समय में वर्ष 2025 तक एनईपी को पूर्णतया लागू करके देश के लिए मिसाल बनकर दिखाएं।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हरियाणा के यशस्वी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन के अनुसार और कुवि कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय के मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबंधित महाविद्यालयों व संस्थानों के यूजी प्रोग्राम्स में शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को क्रियान्वित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत को शिक्षा के क्षेत्र में महाशक्ति बनने, शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने, शिक्षा के साथ कौशल विकास करने की भावना निहित है।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि केयू के ध्येय वाक्य योगस्थ कुरु कर्माणि के अनुसार कर्तव्यनिष्ठ होकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को क्रियान्वित करने की दिशा में हम सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष ही 15 ऑनलाइन प्रोग्राम्स कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शुरू किए गए तथा अभी हाल में केयू के यूआईईटी संस्थान में बीटेक के दो नए कोर्स कंप्यूटर साइंस के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में इलेक्ट्रिकल एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग को शुरू किया जाएगा। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से एनईपी के तहत यूजी प्रोग्राम्स में दाखिले के लिए स्कीम ए के तहत मल्टीडिसीप्लिनरी डिग्री प्रोग्राम, स्कीम बी के तहत सिंगल मेजर (प्रथम वर्ष के बाद), स्कीम सी सिंगल मेजर डिग्री प्रोग्राम के अंतर्गत आर्ट्स, लाइफ साइंस, फिजिकल साइंस व स्कीम डी के तहत इंटर डिसिप्लिनरी डिग्री प्रोग्राम के बारे में बताया। इसमें मल्टीपल एंट्री-एग्जिट प्रणाली प्रस्तावित किया गया है जिसमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, बैचलर एवं बैचलर विद ऑनर्स सर्टिफिकेशन शामिल हैं।
चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी, जींद के कुलपति डॉ. रणपाल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा को प्रदान करने कार्य किया गया है।
केयू डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ ने पीपीटी के माध्यम से यूजी सिंगल मेजर डिग्री प्रोग्राम, यूजी मल्टीडिसीप्लिनरी प्रोग्राम, यूजी इंटर डिसिप्लिनरी प्रोग्राम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रथम व द्वितीय वर्ष के कुल क्रेडिट के बारे में अवगत करवाया। प्रिंसिपल डॉ. किरण आंगरा तथा डॉ. संदीप कंदवाल ने भी एनईपी को संबंधित महाविद्यालयों में क्रियान्वयन के लिए पूर्णतया सहयोग करने का आह्वान किया।
कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने आईआईएचएस में सबसे पहले एनईपी को लागू किया और अब सम्बन्धित संस्थानों व कॉलेजों के यूजी प्रोग्राम्स में सबसे पहले लागू कर रहा है।
इस अवसर पर उप-निदेशक उच्चतर शिक्षा हेमंत वर्मा, कुलपति डॉ. रणपाल सिंह, केयू कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, सीआरएसयू जींद की कुलसचिव प्रो. लवलीन, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता, डीन ऑफ कॉलेजिज़ प्रो. अनिल वोहरा, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी,  प्रो. सुनील ढींगरा, डॉ. किरण आंगरा, डॉ. संदीप कंदवाल, आईआईएचएस के प्राचार्य प्रो. संजीव गुप्ता, प्रो. अनिता दुआ, प्रो. अनिल गुप्ता, प्रो. परमेश कुमार, कुटा प्रधान डॉ. आनंद कुमार, उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर सहित डीन, निदेशक, शिक्षक, संबंधित कॉलेजों के प्राचार्य सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

तकनीकी सत्र में एनईपी करिकुलम फ्रेमवर्क को लेकर विस्तार से हुई चर्चा

पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए उच्चतर शिक्षा, हरियाणा के उपनिदेशक हेमंत वर्मा ने एनईपी के करिकुलम फ्रेमवर्क, पोर्टल पर दाखिला सीटों के आवंटन तथा विषय के ग्रुप संबंधी विस्तृत जानकारी दी। प्रो. अनिता दुआ ने भी एनईपी को लेकर विस्तृत जानकारी सांझा की। दूसरे तकनीकी सत्र में आईआईएचएस प्रिंसिपल प्रो. संजीव गुप्ता, प्रो. परमेश कुमार व प्रो. ओमवीर सिंह द्वारा कॉलेजों में दाखिला तथा विषय आबंटन, समय सारणी और कार्यभार का प्रबंधन, मूल्यांकन व परीक्षा के बारे में एनईपी-2020 के अनुसार विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर डॉ. अजीत सिंह, डॉ. सुनील तनेजा, डॉ. विशाल वर्मा, अमन कल्याण सहित सभी  संबंधित कॉलेजों के प्राचार्य, शिक्षक मौजूद रहे।

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