मन के गुलाम नहीं, मन के मालिक बने, माफ करना सीखें, तनाव को विदाई दें और खुशनुमा जीवन जिएं
कुरुक्षेत्र। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रभारी राजयोगिनी सरोज दीदी ने कहा कि इंसान के लिए खुशी सबसे बड़ा खजाना है। जिस प्रकार देवताओं के चेहरे सदा हर्षित रहते हैं, ठीक उसी तरह आप का चेहरा भी सदा खुश रहे।राजयोगिनी सरोज दीदी शुक्रवार को सेवा केन्द्र पर प्रातः क्लास मे विचार व्यक्त कर रही थी। उन्होंने कहा कि खुशी जैसी कोई खुराक नही। हमने कड़वे बन कर देख लिया है, कोई न कोई बीमारी लग जाती है। उन्होने बताया कि आज मनुष्य का क्या हाल हो गया है। किसी के चेहरे पर खुशी दिखाई नही देती है। आप सभी को ईश्वरीय निमंत्रण है कि तीन दिवसीय खुशियां आपके द्वार कार्यक्रम मे आकर लाभ ले। यह कार्यक्रम निःशुल्क प्रतिदिन म्यूजिकल एक्सरसाइज के साथ 10 जून से 12 जून को प्रातः 7 बजे से 9 बजे तक तथा सायं 6 से 8 बजे तक विश्व शान्ति धाम हाल मे होगा। उन्होंने बताया कि 10 जून सायं से आरम्भ अलविदा तनाव, अच्छी सोच से अच्छे दिन व भाग्य लिखने की कलम आदि शिविर में टॉपिक होंगें। शिविर में माउंट आबू से पधारे विख्यात मोटिवेशनल स्पीकर, कुशल इंजीनियर व राजयोगी प्रो. ब्रह्माकुमार ओंकार चन्द्र मार्गदर्शन करेंगे। वे इंग्लिश मैगज़ीन ‘वर्ल्ड रिन्यूअल के सह-संपादक भी हैं। सरोज दीदी ने कहा कि आप सभी यहां आकर मन के गुलाम नहीं, मन के मालिक बने। माफ करना सीखें, तनाव को विदाई दें और खुशनुमा जीवन जिएं। उन्होंने बताया कि इस शिविर के लिए सैकड़ों लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा दिया है। इसके अलावा भी जो भाई-बहन इस शिविर का लाभ उठाना चाहते हैं, वे समय पर पहुंच कर अपना जीवन सुखमय बनाएं।