सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वोट की चोट लाठी की चोट से भी ज्यादा खतरनाक होती है – दीपेंद्र हुड्डा

  • सूरजमुखी की खरीद MSP पर की जाए – दीपेंद्र हुड्डा
  • किसानों पर दर्ज मुकदमें वापिस हों, गिरफ्तार किसानों को तुरंत रिहा किया जाए – दीपेंद्र हुड्डा
  • घायल किसानों का इलाज सरकारी खर्च पर कराए सरकार – दीपेंद्र हुड्डा
  • किसान आंदोलन के समय किसानों के साथ हुए समझौते को तुरंत लागू करे सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
  • अगर मौजूदा सरकार MSP की कानूनी गारंटी नहीं देगी तो कांग्रेस सरकार बनते ही इस मांग को पूरा करेंगे- दीपेंद्र हुड्डा

कुरुक्षेत्र, 8 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज शाहबाद के लाडवा रोड स्थित अनाज मंडी पर जारी किसानों के धरना-प्रदर्शन पर पहुँचकर अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वोट की चोट लाठी की चोट से भी ज्यादा खतरनाक होती है। उन्होंने कहा कि किसान सूरजमुखी को MSP पर खरीदने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन हरियाणा सरकार ने जिस प्रकार लट्ठ तंत्र का प्रयोग किया है उसे देखकर पूरा देश शर्मसार हुआ है। सरकार ने किसानों के जख्म कुरेदने का काम किया है। उन्होंने मांग करी कि सूरजमुखी की खरीद MSP पर की जाए। किसानों पर दर्ज मुकदमें वापिस हों, गिरफ्तार किसानों को तुरंत रिहा किया जाए साथ ही लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों का इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाए। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के समय सरकार और किसानों के बीच हुए समझौते का क्रियान्वयन करके MSP की कानूनी गारंटी दी जाए।

उन्होंने कहा कि खुद सरकार ने सूरजमुखी का एमएसपी 6400 तय किया गया है। सरकारी खरीद शुरू न होने से निजी खरीददार बाजार में 3500-3800 प्रति क्विंटल के भाव में सूरजमुखी खरीद रहे। सरकारी खरीद शुरु करने के लिए किसानों ने लगातार 5 बार सरकार से बात की फिर भी खरीद शुरु नहीं हुई और सरकार तारीख पर तारीख देती रही। इसके बाद सरकार ने कहा कि इसको भावान्तर योजना में ले लिया जायेगा। यदि ये मान भी लिया जाये कि भावान्तर में किसान को 1000 मिल जायेगा तो भी किसान को 1900-2200 रुपये तक का प्रति क्विंटल घाटा होगा। दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि गेहूं, धान, बाजरा और सरसों से लेकर सूरजमुखी तक के किसानों को एमएसपी के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। केवल किसान ही नहीं इस सरकार के कार्यकाल में हर वर्ग सड़कों पर है। किसानों को खाद, बीज, गिरदावरी, मुआवजे तो कभी फसलों की खरीद को लेकर ही धरना प्रदर्शन करना पड़ता है। भविष्य में कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों को प्रत्येक फसल पर एमएसपी की कानूनी गारंटी सुनिश्चित की जाएगी।

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