कुरुक्षेत्र 7 जून जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पलवल कुरुक्षेत्र में नए पदोन्नत प्रधानाचार्य की 12 दिवसीय इंडक्शन ट्रेनिंग रखी गई। इसमें कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल जिलों के प्रधानाध्यापकों ने हिस्सा लिया। इस ट्रेनिंग में लीडरशिप, सामान्य विषय तथा प्रशासनिक विषय जिसमें एमआईएस, एचआरएमएस कर्मचारियों के वेतन सरकार द्वारा बच्चों को दिए जा रही इंसेंटिव आदि से संबंधित विषयों को भी रखा गया।
ट्रेनिंग की अध्यक्षता डाइट प्रिंसिपल एवं जिला शिक्षा अधिकारी प्रेम पूनिया द्वारा की गई। ट्रेनिंग में मुख्य अतिथि डॉ ऋषि गोयल निदेशक एसआईएएसटीई पलवल कुरुक्षेत्र ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि शिक्षक होना अपने आप में गर्व की बात है मन में स्थिरता लाने की कला जो एक शिक्षक में है वह अन्य व्यक्ति में होना मुश्किल है। शिक्षा लेकर हम आगे बढ़ते हैं उसमें बहुत से परिवर्तन आते हैं धारणाएं बदलती हैं नए विचार जन्म लेते हैं। अगर परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को बदल ले तो वही मनुष्य समय के अनुसार चल सकता है। इसी संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में डॉ ऋषि गोयल ने कहा कि पुरानी शिक्षा नीति और नई शिक्षा नीति में अंतर देखने को मिलता है। नई शिक्षा नीति में जो अवधारणाएं आई है, उसका हमारी शिक्षा व्यवस्था पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
संस्थान के प्राचार्य एवं जिला शिक्षा अधिकारी प्रेम पुनिया ने पीपीटी के माध्यम से अपने विचार रखें। उन्होंने कहा की शिक्षक अपना मूल्य समझे और विश्वास करें कि तुम संसार के महत्वपूर्ण व्यक्ति हो। मास्टर ट्रेनर सुरेश पाल सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रधानाध्यापक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तलाकोर कला ने सेल्फ लीडरशिप विषय को पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया। ट्रेनिंग में कोऑर्डिनेटर विनय गोयल, सीनियर लेक्चरर रेनू शर्मा, सुनीला, डॉ रामगोपाल, जयदेव, डॉ प्रवीण, डॉ संजीव, सुषमा, दिव्या, तथा टेक्निकल कोऑर्डिनेटर डा. संदीप उपस्थित रहे।