सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तकनीकी टीम ने लिए रेत के सैंपल, सरस्वती सरोवर से होगा 3 करोड़ लीटर पानी रिचार्ज, हरियाणा सरस्वती धरोहर बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह ने गांव मरचेहड़ी में सरस्वती तालाब के निर्माण कार्य का किया शुभारंभ, घाट का भी होगा निर्माण
कुरुक्षेत्र 3 फरवरी हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि गांव मरचेहड़ी में सरस्वती सरोवर की खुदाई के दौरान प्राचीन समय (सरस्वती नदी के समय) के रेत का बैड मिला है। इस साइट से सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की टीम ने रेत के सैंपल एकत्रित किए है। इन सैंपलों को लैब में भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट से खुलासा होगा है कि यह रेत सरस्वती नदी के समय का है या नहीं। अहम पहलू यह है कि यह तीन रंगा रेत सरस्वती खुदाई में आदि बद्री, मुगलवाली व बिहोली गांव में मिले रेत जैसा प्रतीत हो रहा है।
उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच शुक्रवार को गांव मरचेहड़ी में सरस्वती सरोवर के निर्माण कार्य के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने गांव मरचेहड़ी में खुदाई के दौरान मिले तीन रंगा रेत को देखा तो वह आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने तुरंत इस रेत के नमूने लेने के लिए बोर्ड के अधीक्षण अभियंता अरविंद कौशिक, कार्यकारी अभियंता मनीष बब्बर, बोर्ड की शोध अधिकारी डा. दीपा को मौके पर बुलाया। इस तकनीकी टीम ने तीन रंगा रेत के नमूने एकत्रित करके रेत की डेटिंग करने के लिए लैब में भेज दिए है। इस कार्रवाई के उपरांत उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने गांव मरचेहड़ी में सरस्वती सरोवर के निर्माण कार्य का विधिवत रुप से शुभारंभ किया।
उपाध्यक्ष ने कहा कि कुरुक्षेत्र के लिए यह एक अच्छी खबर है कि सरस्वती सरोवर की खुदाई के दौरान प्राचीन समय का रेत का बैड मिला है। यह रेत संभवत: सरस्वती नदी के समय का रेत है, क्योंकि इससे पहले इस प्रकार का रेत आदि बद्री उदगम स्थल मुगलवाली और बिहोली में भी मिल चुका है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही रेत की प्राचीनता का पता लग पाएगा। उन्होंने कहा कि गांव मरचेहड़ी और रामपुरा के पास बनने वाले सरस्वती सरोवर से 3 करोड़ लीटर पानी का रिचार्ज होगा। यह सरोवर पंचायत की खाली पड़ी 5 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है। इस जगह पर एक घाट का निर्माण भी किया जाएगा। इससे पहले बोर्ड द्वारा 8 लाख करोड़ और 2 करोड़ पानी के रिर्चाज के सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस जिले को डार्क जोन से निकालने के लिए सरस्वती चैनल के नजदीक बन रहे सरस्वती सरोवर वरदान साबित होंगे। इस समय इस क्षेत्र का वाटर लेवल लगभग 150 मीटर नीचे है और उन्हें उम्मीद है कि इन सरोवरों से भूजल स्तर में सुधार होगा।