हरियाणा में गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग को लेकर डेढ़ महीन से चल रहा आंदोलन खत्म हो गया है। हरियाणा सरकार ने गन्ने के भाव में 10 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बढ़ोतरी की है, सरकार के इस फैसले से किसान संतुष्ट तो नहीं है, लेकिन नुकसान को देखते हुए आंदोलन खत्म करने का निर्णय गुरुवार को कुरुक्षेत्र सैनी धर्मशाला में हुई राज्यस्तरीय मीटिंग में लिया गया। हालांकि, BKU अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने गन्ने को लेकर आंदोलन करने पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का समर्थन करने का ऐलान किया है।

BKU चढूनी ग्रुप ने 12 दिसंबर को प्रदेशभर के शुगर मिलों पर 2 घंटे प्रदर्शन करके प्रबंधक/निदेशक को ज्ञापन सौंप गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग की थी। यही नहीं, मांग पूरी न होने पर जनवरी में बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी सरकार को दी थी।

ACS की मीटिंग में मिला था आश्वासन
किसानों ने 12 दिसंबर को प्रदेशभर में प्रदर्शन किया तो सरकार की ओर से मीटिंग का न्योता किसानों को मिला। अगले दिन ही 13 दिसंबर को किसानों के शिष्टमंडल की कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ACS के साथ मीटिंग हुई। गन्ने के रेट बढ़ाने समेत 13 मुद्दों पर चर्चा हुई। कई मांगों पर सहमति भी बनी। सरकार ने कमेटी गठित करके गन्ने के भाव बढ़ाने बारे निर्णय लेने का आश्वासन दिया था।

विधानसभा का किया घेराव
लंबित मांगों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह ने 20 दिसंबर को अंबाला से किसान अधिकार यात्रा शुरू की। 22 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया ताकि सरकार शीतकालीन सत्र में किसानों की मांगों को पूरा करे। इसके पश्चात चढूनी ग्रुप ने 25 दिसंबर को शुगर मिलों के बाहर प्रदर्शन करके सड़क जाम करने की चेतावनी सरकार को दी, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।

जानिए कैसे चला गन्ना आंदोलन

-25 दिसंबर को BKU टिकैत ग्रुप ने शुगर मिल के बाहर जाम लगाया।

-29 दिसंबर को चढ़ूनी ग्रुप ने विधायकों और मंत्रियों के आवास पर प्रदर्शन।

-5 जनवरी को 3 घंटे के लिए शुगर मिलों को बंद किया गया।

-12 जनवरी से शुगर मिलों पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू।

-25 जनवरी को सरकार ने 10 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने के दाम बढ़ाए।

-इसी दिन किसानों ने CM के पुतले की शव यात्रा निकाल विरोध जताया।

-26 जनवरी को दोबारा कुरुक्षेत्र में हुई राज्य स्तरीय मीटिंग के बाद आंदोलन खत्म किया।

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