हरियाणा सरकार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई से बच रही है। पिछले 11 महीनों से अब तक 60 अधिकारियों को हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो ट्रैप कर चुका है। केस चलाने की सरकार के द्वारा मंजूरी नहीं दिए जाने से विजिलेंस ब्यूरो चार्जशीट दायर नहीं कर पा रहा है। इसका लाभ उठाकर ट्रैप हुए अधिकारी जमानत का लाभ लेकर बाहर घूम रहे हैं।
भ्रष्टाचारी की लिस्ट में HCS भी शामिल
हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो के एक अधिकारी के अनुसार जिन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करना है उनमें HCS अधिकारी भी शामिल हैं। उनके अलावा कार्यकारी अभियंता, जिला परिवहन अधिकारी (DTO) वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (SMO) राजस्व अधिकारी (तहसीलदार और नायब तहसीलदार) और स्कूल प्रिंसिपल शामिल हैं।
2022 में ट्रैप हुए अधिकारी
2001 से 2004 में HPSC मामले को छोड़कर विजिलेंस से ये सभी मामले जनवरी 2022 से नवंबर 2022 में ही दर्ज किए। सरकार के द्वारा अधिकारियों के खिलाफ तीन महीने गुजर जाने के बाद भी केस दर्ज करने की स्वीकृति नहीं दी है। इससे विजिलेंस चार्जशीट दायर नहीं कर पा रही है। इससे अधिकारी जमानत का लाभ ले रहे हैं।
HPSC भर्ती का सबसे पुराना मामला
केस दर्ज करने की मंजूरी के इंतजार में एक सबसे पुराना मामला भी है। इसमें 2001 से 2004 के बीच HPSC द्वारा भर्तियों में धांधली की गई थी। विजिलेंस ने इस मामले में जिन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी मांगी थी, उनमें आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्य भी शामिल हैं। उस समय रिटायर आईएएस अधिकारी और तत्कालीन आयोग के सचिव हरदीप सिंह का नाम भी शामिल है।