हरियाणा की हिसार जिला परिषद के चेयरमैन के चुनाव का नतीजा बड़ा दिलचस्प रहा। दादा रणजीत सिंह चौटाला (बिजली मंत्री) ने अपने पोते दुष्यंत चौटाला (डिप्टी सीएम) के राजनीतिक चक्रव्यूह को तोड़ा। सियासी मजे की बात यह है कि रणजीत चौटाला को इस काम में अप्रत्यक्ष तरीके से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सहारा मिला।
हिसार जिला परिषद के चेयरमैन के लिए कल हुए चुनाव में भाजपा के सोनू सिहाग ने जजपा के सुनील मुंड को 2 वोट से हरा दिया। इसी प्रकार से कांग्रेस समर्थित वाइस चेयरपर्सन रीना बधावड़ ने जजपा के मोहित मलिक को 2 वोट से हराया। दोनों उम्मीदवारों को 16 और हारे हुए उम्मीदवारों को 14 वोट मिले थे।
पहले जानिए हिसार जिला परिषद का गणित…
हिसार जिला परिषद में 30 जोन है। भाजपा, जजपा और कांग्रेस ने अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे। जैसे-जैसे चैयरमैन का चुनाव नजदीक आता रहा, दोनों पार्टियों के साथ पार्षद जुटते रहे। चेयरमैन-वाइस चेयरमैन चुनाव के समय 12 पार्षद भाजपा, 14 जजपा और 4 कांग्रेस के साथ चले गए। ऐसे में जजपा बड़ी पार्टी जरूर बनी लेकिन कुर्सी की चाबी कांग्रेस के हाथ चली गई।
इन 2 पॉइंट्स से समझिए सियासी खेल…
1. BJP ने मंत्री की ड्यूटी लगाई : BJP जानती थी कि हिसार जिला परिषद में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस के समर्थन के बिना मिलनी मुश्किल है। इसलिए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की ड्यूटी लगाई गई। रणजीत की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पुरानी दोस्ती थी। यहीं से पूरा सियासी चक्रव्यूह रचना शुरू कर दिया गया।
2. हुड्डा भी जजपा की कुर्सी नहीं चाहते थे : भूपेंद्र हुड्डा भी नहीं चाहते थे कि हिसार में जजपा का दबदबा बढ़े। ऐसे में तय हो गया कि चेयरमैन BJP का बनेगा। वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस को मिलेगी। जिसके बाद वोटिंग हुई और BJP को चेयरमैन और कांग्रेस को वाइस चेयरमैन की कुर्सी मिल गई।