राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने हरियाणा को झटका दिया है। बोर्ड की ओर से इस मामले में राज्य सरकार को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। पत्र में बोर्ड ने नदी प्रदूषण के लिए राज्य की टेक्सटाइल इकाइयों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

यमुना प्रदूषण को लेकर 2021-2022 में किए गए एक निरीक्षण में बोर्ड ने नदी की 70 प्रतिशत गंदगी के लिए हरियाणा राज्य की टेक्सटाइल इकाइयों को कसूरवार बताया है। इससे पहले दिल्ली के एलजी के द्वारा भी यमुना प्रदूषण को लेकर हरियाणा सरकार से नाराजगी जताई गई थी। जल्द ही दोनों सरकारें इस मुद्दे को लेकर हरियाणा में सीएम खट्टर के साथ बैठक कर सकती हैं।

30 दिन में देना होगा एक्शन प्लान
यमुना प्रदूषण के मुद्दे पर हरियाणा राज्य के प्रदूषण निकायों को 30 दिनों में एक ठोस एक्शन प्लान देने का केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से निर्देश दिया गया है। ठोस जवाब नहीं मिलने पर बोर्ड की ओर से राज्य की टेक्सटाइल इकाइयों को लेकर बड़ा फैसला लिया जाएगा। ऐसे संकेत पत्र में दिए गए हैं।

924 इकाइयों का किया निरीक्षण
CPCB ने वर्ष 2021-2022 के दौरान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की टीम के साथ हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम को साथ लेकर हरियाणा में यमुना की स्थिति का जायजा लिया। हरियाणा में 924 इकाइयों का निरीक्षण किया गया एवं इनमें से 413 इकाइयों के डिस्चार्ज वेस्ट में अमोनिकल नाइट्रोजन व नाइट्रेट मिला।

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