पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के चलते मैदानी इलाके शीतलहर की चपेट में हैं। इसके चलते लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा। बुधवार को दिनभर सूर्य के नहीं दिखाई देने से न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 13 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
पूर्वी हवा चलने से लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली शीतलहरों का सामना नहीं करना पड़ रहा था। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव खत्म होने के बाद अब मौसम के मिजाज में फिर बदलाव आया है। सोमवार को कोहरा सुबह बूंदों की तरफ बरसा। उसके बाद शीतलहर चलने से बुधवार को कोहरा तो छंट गया, लेकिन ठंड बढ़ती गई।
मौसम विशेषज्ञों की माने तो सप्ताह के अंत तक इसी प्रकार का मौसम बना रहेगा। ठंड बढ़ने से रबी सीजन की फसलों को फायदा होगा। कृषि उपनिदेशक डॉ. प्रदीप मिल ने बताया कि ठंड बढ़ने से गेहूं की फसल तेजी से ग्रोथ करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को चाहिए कि पाला व अधिक ठंड से फसलों को बचाने के लिए आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।