हैकर्स ने 20 करोड़ से ज्यादा ट्विटर यूजर्स के ईमेल एड्रेस चुरा लिए और उन्हें एक ऑनलाइन हैकिंग फोरम पर पोस्ट कर दिया। इजराइली साइबर सिक्योरिटी-मॉनिटरिंग फर्म हडसन रॉक के को-फाउंडर अलोन गैल ने इसकी जानकारी दी। 24 दिसंबर को सिक्योरिटी रिसर्चर ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया था। अब इसके स्क्रीनशॉट्स इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं।

फिलहाल ट्विटर ने इस घटना पर कोई कमेंट नहीं किया है। कुछ रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि ये हैकिंग 2021 की शुरुआत में हुई हो, जो एलन मस्क के कंपनी का स्वामित्व संभालने से पहले की है। ट्विटर में हैकिंग से जुड़ी ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले कई बड़े पॉलिटिशियन और बिजनेसमैन के अकाउंट हैक होने की घटनाएं सामने आ चुकी है। इसमें पीएम मोदी और एलन मस्क के अकाउंट भी शामिल है।

ट्विटर यूजर @mayavada ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि उनका ईमेल एड्रेस लीक हुआ है।
ट्विटर यूजर @mayavada ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि उनका ईमेल एड्रेस लीक हुआ है।

हैकर्स किन तरीकों से सोशल मीडिया अकाउंट हैक करते हैं?
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक, हैकर्स किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट को हैक करने के लिए एक जैसा तरीका ही अपनाते हैं। हैकर्स सोशल मीडिया यूजर्स की दो गलतियों का फायदा उठाते हैं।

1. टेक्निकल फ्लॉस
फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन या अन्य सोशल मीडिया अकाउंट होते हैं। यूजर्स इन सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल सोशल और प्रोफेशनल तौर पर लोगों से जुड़ने के लिए करते हैं। इन दो गलतियों की वजह से हैकर्स अकाउंट हैक कर सकते हैं। पहली तो अगर सोशल मीडिया की एप्लिकेशन में किसी तरह का लूपहोल होता है, तो इन्हीं टेक्निकल फ्लॉस का फायदा हैकर्स उठाते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया की कंपनियों के पास अच्छे टेक्निकल प्रोफेशनल की टीम होती हैं, लेकिन इसके बावजूद भी हैकर्स टेक्निकल लूपहोल निकाल ही लेते हैं।

2. फिशिंग ट्रैप
इसमें कई तरह से हैकर्स लोगों की ID हैक कर सकते हैं। इसको ऐसे समझ सकते हैं कि हैकर्स कॉल या मैसेज करके आपसे फिशिंग लिंक शेयर कर सकते हैं। जैसे ही आप इस लिंक पर क्लिक करेंगे, तो आप फेसबुक, ट्विटर जैसी दिखने वाली साइट पर जा सकते हैं। इस पर वे लॉगिन करने को कहेंगे। अगर उनके झांसे में आकर लॉगिन करते हैं, तो हैकर्स अकाउंट का ID और पासवर्ड चुरा सकते हैं। उन्हें हैक करने में आसानी हो सकती है। कई बार प्राइवेसी सेटिंग बदलने के नाम पर भी हैकर्स OTP मांग सकते हैं।

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