धरने के 13वें दिन, प्रशासन और किसानों के बीच हुई निर्णायक बैठक में निकला समाधान
करनाल, 26 मई(): गांव सोहाना में करनाल रिंग रोड पर रास्ते की मांग को लेकर पिछले 13 दिनों से चल रहा किसानों का धरना सोमवार को समाप्त हो गया है। सोमवार को धरने के 13वें दिन प्रशासन और किसानों के बीच एक निर्णायक बैठक के बाद आंदोलन का शांतिपूर्ण समाधान निकाला गया। इस मौके पर किसानों ने ‘विजय दिवस’ मनाकर अपने संघर्ष की सफलता का जश्न मनाया। धरने की समाप्ति से पहले अहम बैठक एसडीएम अनुभव मेहता के कार्यालय में आयोजित की गई। जिसमें रोड़ निर्माण कर रही कंपनी के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी एवं कर्मचारी, और भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा। सौहार्दपूर्ण वातावरण में करीब दो घंटे तक चली बैठक में प्रशासन ने किसानों की रिंग रोड पर रास्ता देने की मांग को स्वीकार कर लिया। भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान, भाकियू प्रभारी महताब कादियान, प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, चेयरमैन यशपाल राणा, जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह घुम्मन, प्रवक्ता सुरेन्द्र सांगवान,धरना संयोजक बबलू सोहाना ने धरने के समापन अवसर ग्रामीणों को संबोधित किया। धरने के अंतिम दिन की खास बात यह रही कि धरने की कमान गांव की महिलाओं ने संभाली। सैकड़ों महिलाएं भजन-कीर्तन करती हुई धरना स्थल पर पहुंचीं और पूरे वातावरण को आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से जीवंत बना दिया। महिलाओं की भागीदारी ने आंदोलन को और भी मजबूत बना दिया। धरना स्थल पर पहुंचे भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने औपचारिक रूप से धरने के समापन की घोषणा की और सभी कार्यकर्ताओं, ग्रामीणों और किसानों का हार्दिक धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि संघर्ष का रास्ता कठिन जरूर होता है, लेकिन अगर दृढ़ता और एकता हो तो कोई भी मांग पूरी करवाई जा सकती है। किसानों ने 13 दिन तक संयम और धैर्य के साथ अपनी मांग को रखा और आज उसका फल मिला है। सभी नेताओं ने संयुक्त रूप से इस संघर्ष में शामिल ग्रामीण व महिला, युवा और संगठन के प्रत्येक कार्यकर्ता का आभार व्यक्त किया।
भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि इस आंदोलन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब किसान संगठित होकर अपनी बात रखते हैं, तो कोई भी प्रशासनिक दीवार उनके हौसले को नहीं रोक सकती। गांव सोहाना के किसानों की यह जीत आने वाले समय में अन्य ग्रामीण आंदोलनों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी। इस अवसर पर सेवापति देवी, बबीता देवी, अमरेश देवी, रोशनी देवी, बिमला, अंग्रेजो, कृष्णा देवी सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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