घरौंडा/करनाल, 15 मई ।   राजकीय महिला महाविद्यालय बसताड़ा में अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस के अवसर पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत रेड क्रॉस की संयोजिका श्रीमती पूजा रानी ने रेड क्रॉस के इतिहास के विषय में विस्तार से छात्राओं को बताते हुए कहा कि हर साल 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट मूवमेंट के संस्थापक हेनरी डुनेंट के सम्मान में विश्व रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट मूवमेंट के बारे में लोगों की समझ को व्यापक बनाना है। इस अवसर पर प्राचार्या कमलेश रानी, रेड क्रॉस की संयोजिका पूजा रानी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सयोजिका पूजा रानी ने बताया कि रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति की स्थापना वर्ष 1863 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में एक निजी संगठन के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य युद्ध और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को त्वरित और कुशल मानवीय प्रतिक्रिया और सहायता प्रदान करना था। रेड क्रॉस समिति में 17 और 25 सदस्य होते हैं, जिन्हें मानवाधिकार कानून के तहत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीवन रक्षक घटनाओं को निर्देशित करने और पीड़ितों की गरिमा की रक्षा करने का अधिकार है।  क्रिसेंट सोसाइटीज विश्व रेड क्रॉस से संबद्ध हैं और आंदोलन की गतिविधियों में सहायता के लिए उसके साथ मिलकर काम करती हैं। छात्राओं ने इस सेमिनार में बढ़ चढक़र भाग लिया।
महाविद्यालय में वाणिज्य की वरिष्ठ प्रवक्ता दीपा ढुल ने  रेडक्रॉस समिति की मेहता पर प्रकाश डालते हुए बताया रेड क्रिसेंट मूवमेंट एक अंतर्राष्ट्रीय मानवीय आंदोलन है जिसकी स्थापना मानव जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करने, सभी मनुष्यों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने और मानव पीड़ा को रोकने और कम करने के लिए की गई थी। अत: हमें हमेशा मानवता की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए। प्राचार्या श्रीमती कमलेश रानी ने देश की वर्तमान स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए छात्राओं को रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *