ऐसे जमाए राजनीति में पैर
विधायक के भाई इंदर सिंह छौक्कर भी पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। इनेलो के कार्यकर्ता थे। 2004 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पंचायती उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। इंदर सिंह की राजनीति में अपनी खास छवि थी।
इनेलो से मोह छूटा तो पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के संपर्क में आए और हजकां में शामिल हुए । वर्ष 2007 में भाई इंदर सिंह की मौत हो गई तो धर्म सिंह छौक्कर भी पुलिस की नौकरी छोड़कर वर्ष 2008 में राजनीति में गए थे। भाई मौत के बाद मिली सहानुभूति की लहर में पहली बार 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के टिकट पर विधायक बने।
माने जाते हैं हुड्डा के करीबी
जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। छौक्कर दूसरी बार 2019 में समालखा से कांग्रेस टिकट पर विधायक बने थे। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी होने से उन्होंने हलके में पांच साल में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर ली। बताया जाता है कि हुड्डा राज में छौक्कर का कोई काम नहीं रुका।