भक्ति-शक्ति यात्रा अध्यात्म एवं सामाजिक समरसता का प्रतीक : डॉ. वीरेन्द्र पाल
कुवि के तृतीय द्वार पर मां ज्वाला देवी दिव्य ज्योति शक्ति यात्रा में केयू शिक्षकों एवं अधिकारियों ने किए दिव्य ज्योति के दर्शन
कुरुक्षेत्र, 03 मई। हिमाचल प्रदेश से मां ज्वाला देवी की दिव्य ज्योति शक्ति यात्रा के शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के तृतीय द्वार पर पहुंचने पर कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल सहित शिक्षकों एवं अधिकारियों ने दिव्य ज्योति के दर्शन किए। इस अवसर पर कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने कहा कि यह भक्ति-शक्ति यात्रा अध्यात्म एवं सामाजिक समरसता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता भारतवर्ष की पहचान रही है इसलिए देश की आध्यात्मिक शक्ति को संग्रहित कर इसे राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगाना हमारा परम कर्त्तव्य है। मां ज्वाला जी की दिव्य ज्योत के दर्शन मात्र से निश्चित ही सभी के जीवन प्रकाशमान होगा तथा आलौकिक आनंद की प्राप्ति भी होगी। उन्होंने कहा कि सनातन परम्परा के अनुसार यह दिव्य ज्योत आध्यात्मिकता, सामाजिक समरसता, सनातन चेतना, शक्ति एवं ऊर्जा का भी आधार है।
इस अवसर पर केयू छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी ने बताया कि यह दिव्य भक्ति-शक्ति यात्रा हिमाचल प्रदेश के ज्वाला जी मंदिर से होकर लगभग 2000 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद मध्यप्रदेश के पशुपतिनाथ घुरेल में सम्पन्न होगी। उन्होंने बताया कि यह यात्रा 8 राज्यों से होकर जाएगी तथा मार्ग में आने वाले मंदिरों में भक्तों एवं साधकों को माता रानी की पवित्र ज्योत के दर्शन, भजन, कीर्तन, सत्संग द्वारा आध्यात्मिक उन्नति एवं सामाजिक समरस्ता की दिव्य अनुभूति होगी। इस दिव्य ज्योत के दर्शन के प्रबंधन का दायित्व विधि विभाग के डॉ. सुनील भारती ने संभाला।
इस मौके पर प्रो. सुशीला चौहान, प्रो. अमित लूदरी, डॉ. अतुल रशिका, डॉ. मीरा चौधरी, डॉ. सुखविन्द्र, डॉ. सुनील भारती सहित बड़ी संख्या में केयू शिक्षक, कुलपति के ओएसडी पवन रोहिला, सहायक कुलसचिव डॉ. जितेन्द्र जांगड़ा व छात्रगण मौजूद रहे।