-3 मरीजों को ऑस्टियोपोरोसिस की पुष्टि, हल्की चोट में भी फ्रैक्चर का खतरा
कुरुक्षेत्र,2 मई।
श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान (अस्पताल) में शुक्रवार को हड्डी खनिज घनत्व (बीएमडी) जांच शिविर लगाया गया,जिसमें 50 से अधिक मरीजों की हड्डियों की जांच की गई। जांच में 3 मरीजों को ऑस्टियोपोरोसिस की पुष्टि हुई है, यानी ये वो बीमारी है, जो बिना लक्षणों के धीरे-धीरे बढ़ती है और हड्डियों को इतना कमजोर बना देती है कि हल्की चोट में भी फ्रैक्चर हो सकता है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं शल्य तंत्र विभाग के चेयरमैन डॉ. राजेंद्र चौधरी ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान के मार्गदर्शन में हर महीने के पहले शुक्रवार को अस्पताल में शल्य तंत्र विभाग द्वारा हड्डी खनिज घनत्व (BMD) कैंप लगाया जाता है, जिसमें ऑस्टियोपोरोसिस समेत अन्य हड्डी संबंधी रोगियों की निशुल्क जांच की जाती है।
बीएमडी से फ्रैक्चर के खतरे का आकलन:वैद्य अनामिका
शल्य तंत्र विभाग की एसोसिएट प्रो. अनामिका ने बताया कि बीएमडी जांच हड्डियों की मजबूती का परीक्षण करने के लिए की जाती है। इस जांच से पता चलाता है कि आपकी हड्डियों में कितनी मात्रा में खनिज (कैल्शियम) हैं। यह जांच विशेष रूप से ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और अन्य हड्डी संबंधी रोगों के जोखिम का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है। कई बार उम्र के साथ या अन्य बीमारियों के कारण हड्डियां समय से पहले कमजोर हो जाती हैं,बीएमडी टेस्ट इसकी पुष्टि करता है। इससे फ्रैक्चर के खतरे का आकलन किया जाता है।
महिलाओं के लिए विशेष रूप से जरूरी: डॉ. अनामिका
डॉ. अनामिका ने बताया कि रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण हड्डियां तेजी से कमजोर होती हैं, जबकि पुरुषों व बुजुर्गों के लिए उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का घनत्व घटता है,जिससे बीएमडी जांच आवश्यक हो जाती है। ये जांच शरीर में कैल्शियम और विटामिन-डी की स्थिति जानने में सहायक होती है।
बीएमडी से फ्रैक्चर के खतरे का आकलन:वैद्य अनामिका
शल्य तंत्र विभाग की एसोसिएट प्रो. अनामिका ने बताया कि बीएमडी जांच हड्डियों की मजबूती का परीक्षण करने के लिए की जाती है। इस जांच से पता चलाता है कि आपकी हड्डियों में कितनी मात्रा में खनिज (कैल्शियम) हैं। यह जांच विशेष रूप से ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और अन्य हड्डी संबंधी रोगों के जोखिम का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है। कई बार उम्र के साथ या अन्य बीमारियों के कारण हड्डियां समय से पहले कमजोर हो जाती हैं,बीएमडी टेस्ट इसकी पुष्टि करता है। इससे फ्रैक्चर के खतरे का आकलन किया जाता है।
महिलाओं के लिए विशेष रूप से जरूरी: डॉ. अनामिका
डॉ. अनामिका ने बताया कि रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण हड्डियां तेजी से कमजोर होती हैं, जबकि पुरुषों व बुजुर्गों के लिए उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का घनत्व घटता है,जिससे बीएमडी जांच आवश्यक हो जाती है। ये जांच शरीर में कैल्शियम और विटामिन-डी की स्थिति जानने में सहायक होती है।