करनाल/अमेरिका की संस्था ग्लोबल बायोएग लिंकेज ने महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल ओर कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीआरए) के साथ संयुक्त रूप से मिलकर बायोएग कांग्रेस तथा एक्सपो 2025 का आयोजन लीला एम्बिएंस कन्वेंशन होटल, शाहदरा नई दिल्ली में किया गया। समारोह में 50 से अधिक देशों ने भाग लिया। इसका उदेश्य विश्व में बायो एग्रीकल्चर पर मंथन करने के लिए किया ताकि सतत खेती और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों में विभिन्न विकल्प उपलब्ध कराए जा सके।
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के माननीय कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि विश्व के कई देशों में फसलों का उत्पादन तो हो रहा है, लेकिन रसायनमुक्त सुरक्षित कृषि उत्पादों का उत्पादन व उपलब्धता को बढ़ावा देना स्वास्थ्य की दृष्टि एवं परिस्थिति की सुरक्षा के लिए जरुरी हो गया है। कृषि की विभिन्न फसलों के उत्पादन में बायो एग्रीकल्चर की विभिन्न पद्धतियों में बायो पेस्टीसाइड, बायो कंट्रोल माध्यम एवम बायो स्टूमिलेट जैसे कारगर तकनीकों का अनुसंधान के माध्यम से प्रचार एवं विकास करना आवश्यक हो गया है। कुलपति प्रो. मल्होत्रा ने बताया कि पूरे विश्व में 72 मिलियन हेक्टेयर में ऑर्गेनिक खेती हो रही है, इसमें 3 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र भारतवर्ष में है। बायो एग्रीकल्चर आदानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ध्यान देने की तुरंत आवश्यकता है और विश्व के कई विकसित अनुसंधान केंद्रों से मिलकर कार्य करने का रास्ता बायोएगटेक वर्ल्ड कांग्रेस से खुला है। उन्होंने कहा कि विश्व में किए गए नए-नए अनुसंधानों पर विश्व के प्रर्सिद्ध वैज्ञानिकों ने व्याख्यान दिए। कुलपति ने एमएचयू करनाल द्वारा विकसित बायो एग्रीकल्चर से सम्बधित विभिन्न अनुसंधानों के बारे में व्याख्यान देते हुए कहा कि हरियाणा की कृषि जलवायु के अनुसार विकसित इन तकनीकों का बागवानी के क्षेत्र में अपनाना आवश्यक हो गया है ताकि उपभोक्ताओं तक सुरक्षित फल-सब्जियां सहज उपलब्ध हो सके। कुलपति प्रो. मल्होत्रा ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद सुरेश प्रभु ने शिरकत की। ग्लोबल बायोएग के सीओ मि. रोजर ने विश्व में बायो एग्रीकल्चर परिदृश्य सहायता पर एक प्रस्तुति देते हुए बताया कि सुरक्षित खेती के लिए उभरता विषय है, मंच ने विभिन्न प्रतिभागियों को एक स्थान पर लाने का कार्य किया, जिसमें प्रतिभागी अनुसंधान, शैक्षणिक, उद्योग, नीति एवम प्रगतिशील किसान एक मंच पर आकर अपने विचार सांझा किए। बायोएग कांग्रेस तथा एक्सपो 2025 का मुख्य आकर्षण एक वृह्द्ध एग्जीबिशन रहा, जिसमें विश्वभर से आए 20 से अधिक देशों ने बायो एग्रीकल्चर उत्पादों का प्रदर्शन किया।