करनाल, 18 अप्रैल। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की एक बैठक आज यहां जिला सचिवालय सभागार में अतिरिक्त उपायुक्त यश जालुका की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें विभिन्न विभागों की विकासात्मक योजनाओं की समीक्षा की गई। साथ ही भविष्य में तैयार की जाने वाली प्रगति रिपोर्ट में शामिल किए जाने वाले आवश्यक बिंदुओं बारे निर्देश दिए गए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि किसी भी योजना की प्रगति रिपोर्ट में उल्लेख करते समय यह वर्णन भी किया जाना चाहिये कि योजना कब मंजूर हुई, कार्य के लिए राशि कब आई, कार्य कब शुरू हुआ, अब तक कितनी प्रगति हुई और कब तक पूरी होने की उम्मीद है। घोषणा के बाद भी यदि कोई स्कीम आरंभ ही नहीं हुई तो उसके कारण का भी उल्लेख करें। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना का डाटा पेश करते समय यूनिट का जिक्र अवश्य करें। उन्होंने सीईओ जिला परिषद को निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं की प्रगति में प्रतिशतता का भी उल्लेख करें। स्वयं सहायता समूह से संबंधित योजना में यह दर्शाया जाए कि एसएचजी की महिलाओं ने एक साल में कितना लाभ अर्जित किया है, कितनी महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।
इससे पहले जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव कुमार ने अधिकारियों से कहा कि वर्तमान वर्ष के साथ-साथ पिछले तीन सालों का तुलनात्मक आंकड़ा रिपोर्ट में दर्ज करें। इसके अलावा इस साल की पिछली तिमाही की तुलना भी पिछले सालों की तिमाही से करें। रिपोर्ट में उन प्रमुख योजनाओं को जरूर शामिल किया जाए जिनमें केंद्र सरकार की ओर से राशि मिलती है।
बैठक में डीडीपीओ संजय टांक, डिप्टी सीईओ रोजी, बीडीपीओ गुरमालक, उप सिविल सर्जन डा. सिमी कपूर, डीईओ सुदेश ठुकराल, एएफएसओ मुकेश, एक्सईएन अभिषेक आदि मौजूद रहे।