नव चिकित्सकों को वैद्य त्रिगुणा की सीख-आयुर्वेद की गरिमा को आगे बढ़ाएं
कुरुक्षेत्र,18 अप्रैल।
श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के ऐतिहासिक अवसर पर देश-विदेश में आयुर्वेद की पताका फहराने वाले प्रख्यात आयुर्वेदाचार्य वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा को आयुष विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय ने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (आयुर्वेद संकाय) की मानद उपाधि से अलंकृत किया।

खास बात ये है कि राज वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने आयुर्वेद को विश्व मंच पर प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने अपने देश के कई राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों तथा अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की चिकित्सा की है। वे पद्मश्री (1998) और पद्मभूषण (2009) जैसे राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित हो चुके हैं।
इस अवसर पर उन्होंने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार जताया।
इस अवसर पर पद्म भूषण वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने नवदीक्षित चिकित्सकों को प्रेरित करते हुए कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक समग्र दृष्टि है। अब जब आप सब डिग्री प्राप्त कर समाज में उतर रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि आप शुद्ध और प्रामाणिक आयुर्वेद पद्धति से जनमानस की सेवा करें। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में आयुर्वेद ने जिस प्रभावशीलता और सशक्तता से लोगों को राहत दी, उसने इसकी प्रासंगिकता को फिर से स्थापित किया है। ऐसे में यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम इस प्राचीन ज्ञान को समर्पण, विश्वास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाएं।
पहले भी मिल चुकी मानद उपाधि
बता दें कि वैद्य त्रिगुणा को लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ डीम्ड युनिवर्सिटी द्वारा वाचस्पति की मानद उपाधि, गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय,एमिटी युनिवर्सिटी (नोएडा), बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय (रोहतक) श्री श्री विश्वविद्यालय,कटक (उड़ीसा) द्वारा भी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया हैं। यही नहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका के केंटुकी के गर्वनर द्वारा भी केंटुकी कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्री ने आयुर्वेद कीर्ति की मानद उपाधि, हालैंड में भी महर्षि धन्वन्तरि अवार्ड अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन द्वारा आयुर्वेद महर्षि तथा श्री इन्द्रप्रस्थीय वैद्य सभा द्वारा “प्राणाचार्य” की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
विश्वविद्यालय का जताया आभार
इस अवसर पर वैद्य त्रिगुणा ने कहा कि यह उपाधि न केवल मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि है,बल्कि यह आयुर्वेद की सुदीर्घ परंपरा और उसकी निरंतर उपयोगिता को मान्यता देने वाला सम्मान है। मैं श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय का हृदय से आभार प्रकट करता हूं, जो आधुनिक युग में आयुर्वेद की प्रतिष्ठा को नए आयाम दे रहा है।
विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण: प्रो. धीमान
कुलपति प्रो.धीमान ने कहा कि वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा जी को सम्मानित करना हमारे विश्वविद्यालय के लिए गौरव और प्रेरणा का विषय है। यह सम्मान विद्यार्थियों को अपने गुरुओं के पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा देगा और आयुर्वेद के प्रति उनकी आस्था को और प्रबल बनाएगा।

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