पहले नवरात्र पर रविवार को कुट्टू व सामक के चावल और उसके आटे से बनी रोटियां, पूरी खाने से अंबाला और यमुनानगर जिले में 120 व्रतधारी बीमार हो गए। आस्था के भोजन में मिलावट की वजह से इन लोगों को अस्पताल पहुंचना पड़ा।
अंबाला में 27 और यमुनानगर में 93 लोग बीमार हुए हैं। नवरात्र में कृपा ये रही कि अधिकतर व्रतधारियों को प्राथमिक उपचार के बाद ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यमुनानगर में बीमार होने वाले लोग साढौरा व आसपास के गांव के हैं। इनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं।

लोगों को हुई ये समस्याएं

बीमार हुए लोगों को पेट दर्द, उल्टी, दस्त और कंपकंपी हुई। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने करियाना दुकानों व जिस चक्की से आटा सप्लाई हुआ, वहां से पांच सैंपल लिये हैं। फिलहाल 21 मरीज अस्पताल में दाखिल हैं। इनमें से आठ साढौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 13 बिलासपुर के निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
बीमार हुए सभी लोगों ने अलग-अलग दुकानों से आटा खरीदा था। इन दुकानों पर भी आटा खारा कुआं साढौरा स्थित भाटिया चक्की से सप्लाई हुआ था। जब लोगों के बीमार पड़ने की सूचना फैली तो यह दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर भाग निकले। सोमवार को भी करियाना की दुकानें बंद रही। 

अधिकारियों ने आटा चक्की का लिया सैंपल

खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अमित चौहान टीम के साथ सैंपलिंग करने के लिए पहुंचे। वह सबसे पहले भाटिया चक्की पर पहुंचे। आगे का दरवाजा बंद होने के कारण टीम पीछे के रास्ते अंदर पहुंची। वहां से आटे के दो सैंपल लिये। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई होगी।

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