20 मार्च को हरियाणा निर्वाचन आयोग ने शहरी निकाय विभाग के निदेशक को उपचुनाव विरूद्ध एडवोकेट द्वारा उठाई कानूनी आपत्तियों पर आवश्यक कार्रवाई करने बारे लिखा

चंडीगढ़ –मंगलवार 25 मार्च को पंचकूला के इन्द्रधनुष स्टेडियम में प्रदेश सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय शपथ-ग्रहण समारोह में इसी माह प्रदेश की साढ़े तीन दर्जन तीनो स्तरों की शहरी निकायों के चुनाव में निर्वाचित करीब सात सौ प्रतिनिधियों में 10 नगर निगमों के प्रत्यक्ष (सीधे तौर पर स्थानीय निगम क्षेत्र के मतदाताओं के वोटों से ) निर्वाचित मेयरों को भी सम्बंधित मंडल आयुक्त (डिविजनल कमिश्नर) द्वारा पद और निष्ठा की शपथ दिलाई गई. इसमें दो नगर निगमों नामत: अम्बाला नगर निगम में भाजपा की शैलजा सचदेवा और सोनीपत नगर निगम में भाजपा के राजीव जैन हालांकि उपचुनाव में मेयर निर्वाचित हुए हैं जिस कारण उन दोनों का कार्यकाल आगामी 10 महीने अर्थात जनवरी, 2026 के आरम्भ तक ही है.

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788), जिन्होंने सर्वप्रथम गत माह 5 फरवरी को अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर पद के उपचुनाव कराने की घोषणा करने विरूद्ध हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग को कानूनी नोटिस भेजा था चूँकि हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के दो मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत उपरोक्त दोनों नगर निगमों में मेयर पद का उपचुनाव नहीं कराया जा सकता था हालांकि इसके बावजूद आयोग द्वारा इसी माह दोनों निगमों में मेयर उपचुनाव कराया गय. बहरहाल, 12 मार्च मतगणना सम्पन्न होने के तुरंत बाद हेमंत द्वारा पुन: आयोग को मेयर उपचुनाव की कानूनी वैधता और वैधानिक मान्यता पर लिखा गया जिसके बाद आयोग द्वारा गत 20 मार्च को शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को पत्र भेजकर इस विषय पर एडवोकेट द्वारा उठाई गई कानूनी आपत्तियों पर आवश्यक कार्रवाही करने और इस सम्बन्ध में हेमंत और आयोग को भी सूचित करने बारे लिखा गया है.

इस सम्बन्ध में हेमंत का कहना है कि बेशक हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण में उपरोक्त दोनों नगर निगमों के मेयर पद का उपचुनाव कराया गया परन्तु इन दोनों को पूर्ण कानूनी वैधता अर्थात वैधानिक मान्यता तभी प्राप्त होगी जब प्रदेश विधानसभा द्वारा हरियाणा नगर निगम कानून,1994 की दो धाराओं नामत: 9(5) और 13(1) में तत्काल कानूनी संशोधन किया जाएगा.

इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 13 (1), जो नगर निगम मेयर और सदस्यों की रिक्त हुई सीटों को उपचुनाव द्वारा भरे जाने से संबंधित है, में सवा चार वर्ष पूर्व नवम्बर-2020 में प्रदेश विधानसभा द्वारा संशोधन कर ऐसा उल्लेख कर दिया गया था कि उक्त धारा के प्रावधान रिक्त मेयर पद पर लागू नहीं होंगे अर्थात इसका अर्थ यह है कि अगर नगर निगम के मेयर का पद, बेशक वह किसी भी कारण से रिक्त हुआ हो, तो उसे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव द्वारा भरा नहीं जा सकता है. चूँकि इस कानूनी प्रतिषेध (रोक) बावजूद अम्बाला और सोनीपत में मेयर पद के लिए उपचुनाव कराया गया, इसलिए उसकी कानूनी मान्यता के लिए उक्त धारा में संशोधन आवश्यक है.

हेमंत ने बताया कि वास्तव में हरियाणा विधानसभा द्वारा नगर निगम कानून की उक्त धारा 13(1) में संशोधन कर ऐसा उल्लेख किया जाना चाहिए था कि उसके प्रावधान अविश्वास प्रस्ताव से रिक्त हुए मेयर पद पर लागू नहीं होंगे जैसा कि हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 की धारा 15 में नगरपालिका परिषद/नगरपालिका समिति अध्यक्ष के विषय में भी स्पष्ट कानूनी प्रावधान किया गया कि अविश्वास प्रस्ताव से रिक्त हुए ऐसे न.प./न.पा. अध्यक्षों के पदों को उपचुनाव से भरने का प्रावधान नहीं लागू होगा.

इसी प्रकार हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 9 (5) का हवाला देते हुए हेमंत ने बताया कि इस धारा में स्पष्ट उल्लेख है कि अगर नगर निगम मेयर या निगम सदस्य (जिन्हें आम भाषा में पार्षद/ म्युनिसिपल काउंसलर- एम.सी. कहा जाता है हालांकि यह शब्द हरियाणा नगरं निगम कानून में नहीं है) के रिक्त हुए पद को, जिसका शेष कार्यकाल कम से कम 6 महीने या उससे अधिक हो, को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव मार्फ़त भरा जाना है, तो ऐसा उस पद के रिक्त होने के अधिकतम 2 महीने के भीतर ही किया जा सकता है.

गत वर्ष 8 अक्टूबर 2024 को अम्बाला नगर निगम की तत्कालीन मेयर शक्ति रानी शर्मा के पंचकूला जिले के कालका विधानसभा हलके से भाजपा विधायक बनने और सोनीपत नगर निगम के तत्कालीन मेयर निखिल मदान के सोनीपत विधानसभा हलके से भाजपा विधायक बनने कारण हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 8 ए‌ के अंतर्गत अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर पद उसी दिन से ही रिक्त हो गए क्योंकि एक ही समय पर कोई व्यक्ति मेयर एवं साथ साथ विधायक नहीं रह सकता है. 2 दिसंबर 2024 को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा गजट नोटिफिकेशन मार्फ़त शक्ति रानी शर्मा का नाम अम्बाला नगर निगम मेयर और निखिल मदान का नाम सोनीपत नगर निगम मेयर पद से 8 अक्टूबर 2024 की पिछली तारीख से ही, अर्थात जिस दिन वह दोनों क्रमश: कालका और सोनीपत वि.स. सीटो से विधायक निर्वाचित हुए, डी-नोटिफाई कर दिया गया था.

इस कारण अगर हरियाणा निर्वाचन आयोग को अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों में मेयर पद के लिए उपचुनाव कराना ही था, तो हरियाणा नगर निगम कानून की मौजूदा धारा 9(5) के अंतर्गत ऐसा अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर पद रिक्त होने से दो महीने के भीतर अर्थात 8 दिसम्बर 2024 तक करा लेना चाहिए था, उसके बाद नहीं. अब चूँकि अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के रिक्त मेयर पदों के लिए उपचुनाव फरवरी-मार्च,2025 में कराया गया है, इसलिए ऐसे में उपचुनाव कराने की मौजूदा दो महीने की समय सीमा में कानूनी संशोधन करना आवश्यक है.

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