कुरुक्षेत्र, 8 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पॉल ने कहा कि डिजिटल युग में ऑनलाइन शिक्षा की मांग बढ़ रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप ऑनलाइन कोर्सिज के माध्यम से रोजगार परक शिक्षा पर भी जोर दिया गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने भी कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केन्द्र में 19 ऑनलाइन प्रोग्राम्स शुरू किए गए हैं जिसमें सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स इन टेक्नॉलॉजी में इंटरनेट ऑफ थिंग (ओटी), ब्लॉक चेन मैनेजमेंट, फुल स्टैक डेवलपमेंट तथा क्लाउड कंप्यूटिंग प्रोग्राम्स आदि शामिल है। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र तथा विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, हरियाणा के सहयोग से उच्च शिक्षा में नियमित, ऑनलाइन एवं ओडीएल विधियों के अभिसरण तथा प्रौद्योगिकी एकीकरण पर आईसीएसआर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने कहा कि केयू का दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। यहां से शिक्षा प्राप्त कर पूर्व छात्र विभिन्न उच्च पदों पर कार्य कर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने दूरस्थ शिक्षा के लचीलेपन, तकनीकी एकीकरण, प्रभावी लागत एवं दूर बैठे रहने पर भी शिक्षा के सुलभ प्राप्त होने की बात कही।
यूजीसी के उप सचिव डॉ. विनोद सिंह यादव ने दूरस्थ शिक्षार्थियों के कौशल निर्माण और रोजगारपरकता पर जोर देते हुए मुख्य भाषण दिया। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने परीक्षा प्रणाली से संबंधित मुद्दों के बारे बताया। वहीं केन्द्र की निदेशिका प्रो. मंजुला चौधरी ने नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए मूल्यांकन के नए तरीकों को शामिल करने पर जोर दिया।
संगोष्ठी संयोजक डॉ. कुशविंद्र कौर ने संगोष्ठी रिपोर्ट और धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. ज्योति खजूरिया, प्रो. प्रीति जैन, प्रो. राकेश कुमार, प्रोफेसर अनीता दुआ, डॉ. जी.एस. गिल, डॉ. गीतिका संधू, डॉ. ज्योत्सना मीनाक्षी, डॉ. आचार्य, डॉ. ज्योति सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को किया सम्मानित
कुरुक्षेत्र, 8 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ वीरेंद्र पाल सिंह ने स्कूल की शिक्षिकाओं व गैर शिक्षक कर्मचारी को सम्मानित किया।
स्कूल परिसर में पहुंचने पर स्कूल की वाइस चेयरपर्सन प्रो सुनीता दलाल व स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. सुखविंद्र सिंह ने उनका स्वागत किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ वीरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि जिस घर में नारी की पूजा की जाती है और उसका मान सम्मान किया जाता है। वहां पर माँ लक्ष्मी व सरस्वती का वास होता है। भारतीय संस्कृति में नारी को विशेष स्थान दिया गया है। हम नवरात्रों में देवी के विभिन्न रुपों की पूजा करते हैं। हमे हमारी संस्कृति व संस्कार आरम्भ से ही सीखाते है कि हमें महिलाओं का मान सम्मान करना चाहिए। उनकी पूजा करनी चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने स्कूल की वरिष्ठ शिक्षिका उर्मिला काजल, पंकज धमीजा, पुष्प लता व ग़ैर शिक्षक कर्मचारी श्रीमती तारो देवी को सम्मानित किया।
स्कूल के प्रधानाचार्य डा सुखविंद्र सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ वीरेंद्र पाल सिंह के मार्गदर्शन में किया गया। स्कूल में समय समय पर विभिन्न सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों के साथ साथ महापुरुषों की जयंती, विशेष अवसरों व दिनों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
कुरुक्षेत्र, 8 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग की पीएचडी शोधार्थी काजल ने कैलिफोर्निया, यूएसए में आयोजित गॉर्डन रिसर्च कॉन्फ्रेंस (जीआरसी) में अपना शोध कार्य प्रस्तुत करके उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बधाई देते हुए कहा कि शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देना कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की शोधार्थी द्वारा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोध प्रस्तुत करना एक बड़ी उपलब्धि है।
डीन साइंसिंज प्रो. संजीव अरोड़ा व रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. जीपी दुबे ने बताया कि शोधार्थी काजल सम्मेलन में भाग लेने के लिए चुने गए कुछ चुनिंदा भारतीय शोधकर्ताओं में से एक थीं, जिसमें केवल तीन अंततः नामांकित थे। शोधार्थी काजल के गाइड प्रोफेसर हरदीप आनन्द ने बताया की उनकी भागीदारी ने एक वैश्विक मंच पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की अनुसंधान गुणवत्ता को प्रदर्शित किया है।
एनएसएस स्वयंसेवक प्रतियोगिताओं में दिखा रहे प्रतिभा’
कुरुक्षेत्र, 8 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना यूटीडी इकाई के स्वयंसेवक विश्वविद्यालय स्तर पर सात दिवसीय एनएसएस शिविर में शामिल होकर अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरे अवसर में बढ़ चढ़कर ले रहे भाग । कार्यक्रम अधिकारी डॉ निधि माथुर ने बताया कि यह शिविर 6 मार्च से 12 मार्च तक कुरुक्षेत्र दयानंद महिला महाविद्यालय में आयोजित किया गया है जिसमें एनएसएस यूटीडी के विभिन्न विभागों से आठ स्वयं सेवक भाग ले रहे हैं। शिविर में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों हुई जिनमें स्वयं सेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी प्रतिभा दिखायी ।
कुवि के समाज कार्य विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
कुरुक्षेत्र, 8 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में समाज कार्य विभाग द्वारा नॉर्थ ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय, शिलांग और महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा के सहयोग से विजन विकसित भारत 2047 में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच, समानता और गुणवत्ता में सुधार के लिए उत्प्रेरक के रूप में टेलीमेडिसिन विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन ऑफलाइन एवं ऑनलाइन मोड में किया गया। यह संगोष्ठी भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित की गई थी।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर रमेश कुमार भारद्वाज के स्वागत भाषण से हुई। डॉ. सतीश कुमार, परियोजन निदेशक ने सेमिनार की भूमिका का उल्लेख किया। कार्यक्रम में डॉ अनिमेष मिश्रा, हेड डिपार्टमेंट ऑफ़ कार्डियोलॉजी निगृह्मस, शिलॉन्ग, मेघालय मुख्य वक्ता ने टेलीमेडिसिन की चुनौतियों और भविष्य के पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रो. दिनेश भाटिया, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग, नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग, मेघालय ने टेलीमेडिसिन के बढ़ते प्रभाव और सामाजिक कार्य में इसके एकीकरण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएँ न केवल चिकित्सा सुविधा की पहुंच को सरल बना रही हैं, बल्कि स्वास्थ्य परामर्श को अधिक व्यवस्थित और प्रभावशाली भी बना रही हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान तीन टेक्निकल सेशंस का आयोजन किया गया जिसमें कुल 36 शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। शोधपत्रों में टेलीमेडिसिन की वर्तमान स्थिति, तकनीकी प्रगति, सामाजिक प्रभाव, नीतिगत पहल और इससे जुड़े विभिन्न अवसरों एवं चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई। सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर वनीता ढींगरा, चेयरपर्सन, डिपार्टमेंट ऑफ़ सोशल वर्क की देख रेख में किया गया।
कार्यक्रम के समापन सत्र में डॉ. राज रतन परियोजन सह-निदेशक ने सभी प्रतिभागियों, शोधकर्ताओं और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी इस प्रकार के शैक्षणिक आयोजनों को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।