यूरेशिया एग्रो चेंबर ऑफ कॉमर्स में मिला यह अद्भुत सम्मान
कैलाशपुरी को बताया प्राकृतिक शक्तियों में जबरदस्त योगदान देने वाला सच्चा समर्थक
करनाल 6 फरवरी : अपनी आध्यात्मिक शक्तियों से प्राकृतिक संतुलन बनाने वाले और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति विश्व के कई देशों को सचेत करने वाले महाकाल कैलाशपुरी स्वामी जी को 21 देशों ने सम्मानित किया है। उन्हें यह सम्मान यूरेशिया एग्रो चेंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में दिया गया। यूरेशिया एग्रो चेंबर ऑफ कॉमर्स ने महाकाल कैलाशपुरी स्वामी को यह सम्मान देते हुए कहा कि स्वामी कैलाशपुरी महाराज एक सच्चे पर्यावरण समर्थक की तरह अपनी प्राकृतिक और आध्यात्मिक शक्तियों से प्राकृतिक आपदाओं के प्रति लोगों को सचेत कर एक अद्भुत मिसाल कायम कर रहे हैं। उनके इन प्रयासों के चलते कई देशों को इसका लाभ मिला है। इस सम्मान के लिए महाकाल भैरव अखाड़ा के प्रमुख स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने इसे भारत के लिए गौरव बताते हुए यूरेशिया एग्रो चेंबर ऑफ कॉमर्स को धन्यवाद दिया है। यह पूरे भारत के लिए गौरव का क्षण है जब किसी अखाड़ा के प्रमुख को अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह सम्मान पाने का गौरव हासिल हुआ है। स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने कहा है कि भारत समूची धरती का विश्व गुरु है और आने वाले समय में भारत ही धरती पर बिगड़ते पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग को लेकर सारे देशों को एकजुट करेगा। स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक धरती एक ही परिवार का नारा पहले ही दे चुके हैं। क्योंकि भारत समूचे विश्व की चिंता करता है और पूरे विश्व को अपना परिवार ही मानता है। आपको बता दें कि स्वामी कैलाशपुरी महाराज पिछले कई वर्षों से धरती पर बिगड़ते पर्यावरण को लेकर न केवल कई चेतावनियां जारी कर चुके हैं बल्कि भारत में आने वाले भूकंप को लेकर भी उन्होंने कई बार सरकार को आगाह किया है। खासतौर पर जोशीमठ और पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार खनन, चंद्रमा से छेड़छाड़ और अंतरिक्ष में फैल रहे कचरे को लेकर गंभीर परिणाम भुगतने की बात वह कई बार पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण सदियों से दुनिया में प्रमुख चुनौतियों में से एक के रूप में उभरा है और हमेशा मनुष्यों के लिए महत्वपूर्ण रहा है।पर्यावरण संरक्षण आज के समाज का एक अभिन्न अंग है, लेकिन बहुत से लोगों को इस बारे में बुनियादी जानकारी भी नहीं है कि वे हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए क्या कर सकते हैं। पर्यावरण का विनाश और प्राकृतिक संसाधनों की कमी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जो हमेशा मौजूद रहते हैं।
पिछले कुछ दशकों से पर्यावरण सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों में से एक रही है। हर दिन, पर्यावरण और वैश्विक शांति और सुरक्षा के बीच संबंध अधिक स्पष्ट और अधिक दबावपूर्ण होते जा रहे हैं। यदि संस्थाओं में पर्यावरण से संबंधित मुद्दों के तनाव को संभालने या झटकों को झेलने की क्षमता नहीं है, तो राज्यों और समुदायों की स्थिरता के लिए खतरे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय चिंताएँ अंतिम खतरा बढ़ाने वाले हैं, जो मौजूदा स्थितियों को और खराब कर रहे हैं और परिणामस्वरूप अधिक सामाजिक-आर्थिक समस्याएँ, राजनीतिक तनाव और संघर्ष हो रहे हैं।जलवायु परिवर्तन एक ऐसा मुद्दा है जो दुनिया के हर कोने को प्रभावित करता है। जैसा कि नासा द्वारा परिभाषित किया गया है, जलवायु परिवर्तन एक दीर्घकालिक प्रवृत्ति है जिसमें औसत मौसम पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं और यह प्राकृतिक और मानवजनित प्रक्रियाओं के संयोजन के कारण होता है। जलवायु परिवर्तन के प्रमुख संकेतक वैश्विक भूमि और महासागर के तापमान में वृद्धि, समुद्र के स्तर में वृद्धि, पृथ्वी के ध्रुवों और पर्वतीय ग्लेशियरों में बर्फ का पिघलना, तूफान, हीटवेव, जंगल की आग, सूखा, बाढ़ और वर्षा जैसे चरम मौसम में आवृत्ति और गंभीरता में परिवर्तन और बादल और वनस्पति आवरण में परिवर्तन हैं। बढ़ती अस्थिरता के वैश्विक युग में, जलवायु परिवर्तन के अपरिहार्य प्रभावों की रोकथाम और लचीलेपन को बढ़ावा देना आवश्यक है, साथ ही साथ हमारे व्यवहार को बदलना भी आवश्यक है।

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