गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज, अंबाला छावनी में आज बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) विषय पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (एफ डी पी) का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम कॉलेज प्राचार्य डॉ रोहित दत्त के दिशा निर्देशन में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के पहले दिन एम एस एम ई- डी एफ ओ, करनाल की सहायक संचालक मीनू धीमान ने रिसोर्स पर्सन के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम के आरंभ में कनवीनर डॉ प्रबलीन कौर एवं को- कनवीनर डॉ भारती सुजान ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनों एवं रिसोर्स पर्सन का स्वागत किया। प्रो रितिका एवं प्रो जसमीता ने सफल मंच संचालन किया। मीनू धीमान ने आज के विषय पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनों को आई पी आर एवं उसके विभिन्न अवयवों से अवगत करवाया और साथ ही यह भी बताया कि हमारे जीवन में इसका क्या महत्व है। यही नहीं उन्होंने पी एम ई जी पी ई – पोर्टल, निःशुल्क उद्यम रजिस्ट्रेशन, पी एम ई जी पी के अंतर्गत वित्तीय सहायता एवं कुछ एक महत्वपूर्ण केस स्टडी पर भी चर्चा की। आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का महत्व इस वजह से है कि यह रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा करता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। आईपीआर से रचनात्मक कार्यों और आविष्कारों को सुरक्षित रखा जाता है। ट्रेडमार्क, डिजाइन, कॉपीराइट, पेटेंट, भौगोलिक संकेत, पौधों की किस्में, लेआउट डिज़ाइन, व्यापार रहस्य इत्यादि आईपीआर से जुड़े कुछ उदाहरण हैं। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी सदस्यों को आई पी आर से जुड़ी बारीकियों को समझने पर बल दिया। कॉलेज प्राचार्य डॉ रोहित दत्त ने शैक्षणिक विभाग के सभी सदस्यों एवं कॉलेज के सभी विद्यार्थियों को इस प्रकार के ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो कमलप्रीत कौर, डॉ गीता कौशिक एवं प्रो योगिता, डॉ सुरेंद्र कुंडू एवं प्रो शिवानी निझावन सहित सलाहकार समिति के सदस्य डॉ शिखा जग्गी, डॉ मीनू राठी एवं डॉ श्याम रहेजा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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