संघ के छह उत्सवों में मकर संक्रांति भी एक : सुभाष सचदेवा
करनाल, 14 जनवरी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वीर सावरकर शाखा पर मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिव कालोनी स्थित गुरु द्रोणाचार्य पार्क में वीर सावरकर शाखा पर पहले ध्वज लगाया गया उसके बाद राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत खेलकूद करवाए गए। भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों के बीच स्वयंसेवकों ने उत्साह और आनंद के साथ सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर नगर संघ चालक सुभाष सचदेवा ने मुख्य वक्ता के रूप में स्वयंसेवकों को मकर संक्रांति के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि संघ में कुल छह उत्सव मनाने की परंपरा रही है जिनमे से मकर संक्रांति भी एक है। इसका उद्देश्य है सम्यक क्रांति एवं संगठन का भाव निर्माण करना। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति का खगोलीय महत्व भी है। आज के दिन ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर प्रवेश करते हैं। यह त्योहार भारतीय कृषि व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन हम लोग नई फसलों से प्राप्त अन्न, गुड़, तिल, तेल इत्यादि का सेवन करते हैं। इस त्योहार का एक प्रमुख उद्देश्य लोगों को आपस में जोड़ना भी है। यह समरसता का त्योहार है। दक्षिण भारत में यह पोंगल, उत्तर भारत में मकर संक्रांति, गुजरात में लोहड़ी के नाम से जाना जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा रही है। तिल उष्णता का प्रतीक है जिसके दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, ऐसी मान्यता है। स्कंद पुराण के दसवें खंड में भी इस त्योहार की चर्चा है।
उन्होंने कहा कि यह त्यौहार समाज को प्रकाश और आशा की ओर ले जाने वाला पर्व है। हम सबको इस दिन अपने देश,समाज की उन्नति के साथ एकसूत्र में बंधने का संकल्प लेना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत मे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों ने खिचड़ी सहभोज किया।
कार्यक्रम में विभाग प्रचारक संजय कुमार, जिला बौद्धिक प्रमुख धनेश डिमरी, माधव नगर कार्यवाह भारत भूषण, सह नगर कार्यवाह राजीव पोपली सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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