कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शिक्षा महाकुंभ के अंतर्गत उत्तर भारत के कुलपतियों की विचार गोष्ठी आयोजित
कुरुक्षेत्र। समग्र शिक्षा विभाग, चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय शिक्षा महाकुंभ 2024 के तहत् कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कमेटी रूम में उत्तर भारत के सभी कुलपतियों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के निदेशकों का एक सत्र प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं स्वदेशी जागरण मंच के सह संगठक सतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में उच्च शिक्षा संस्थानों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने व प्रचलित सर्वाेत्तम मापदंडों को स्वीकार करने के लिए विचार-विमर्श किया गया।
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सतीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप स्टार्टअप, नवाचार एवं उद्यमिता द्वारा युवा छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे स्वयं रोजगार प्राप्त कर दूसरों को भी रोजगार प्रदान करें तथा राष्ट्र निर्माण व विकसित भारत बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने बोलते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। आईआईएम तिरुचिरापल्ली के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने कहा कि शैक्षणिक प्रणाली को अद्यतन करने के लिए संकाय विकास कार्यक्रमों की आवश्यकता है। सीसीएसएचएयू हिसार के कुलपति डॉ. बीआर काम्बोज ने वैश्विक विकास के लिए मार्केटिंग एवं पैकेजिंग अवसरों की भूमिका पर प्रकाश डाला। एमडीयू रोहतक के कुलपति प्रोफेसर राजबीर ने कहा कि पाठ्यक्रम विकास में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र के तत्व होने चाहिए। सीबीएलयू भिवानी की कुलपति प्रोफेसर दीप्ति धर्माणी ने कहा कि विश्वविद्यालयों को सम्बद्ध महाविद्यालयों का बुनियादी ढांचा विकसित करने की आवश्यकता है। बीपीएसएमयू खानपुर की कुलपति प्रोफेसर सुदेश ने कहा कि कौशल आधारित कार्यक्रम अनुभवात्मक शिक्षा के अवसर प्रदान कर सकते हैं। हरियाणा साहित्य एवं संस्कृत अकादमी पंचकूला के उपाध्यक्ष प्रोफेसर कुलदीप अग्निहोत्री ने कहा कि प्रभावी उच्च शिक्षा के लिए उद्योग अकादमिक सहयोग आवश्यक है। धर्मशाला केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी बंसल ने जोर दिया कि उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। एनआईटीटीआर चंडीगढ़ के निदेशक डॉ भोला राम ने संस्थानों के लिए उच्च शिक्षा में अभिविन्यास और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने सभी कुलपतियों का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस सम्मेलन में उत्तर भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 30 कुलपति शामिल हुए।