समारोह के अंतिम दिन स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, गीता पाठ व शोभा यात्रा में भक्तिमय हुए आमजन
पिहोवा 11 दिसम्बर – घुमंतु जाति विकास बोर्ड हरियाणा के चेयरमैन जयसिंह पाल ने कहा कि श्रीमदभागवतगीता का उद्देश्य परमात्मा, आत्मा तथा सृष्टिï विधान के ज्ञान को स्पष्टï करना है। जीवन की हर समास्या का हल गीता में मिलता है। गीता के प्रत्येक श£ोक में जीवन के हर प्रश्र का उत्तर शामिल है। जीवन उतार-चढ़ाव की एक यात्रा है। यदि इस यात्रा में कोई पथपृृदशक है तो वह केवल गीता ही है। ऐसा कोई मनुष्य नहीं, जिसके जीवन में कष्टï और परेशानियां न हों। लेकिन ऐसे दुखद समय का सामना करने का हौसला केवल गीता से ही प्राप्त होता है। जयसिंह पाल बुधवार को जिलास्तरीय गीता जयंती समारोह के तीसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के समापन उपरांत आमजन को सम्बोधित कर रहे थे।
घुमंतु जाति विकास बोर्ड हरियाणा के चेयरमैन जयसिंह पाल ने कहा कि गीता के कर्मयोग संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से 9 से 11 दिसंबर तक तीन दिवसीय जिला स्तरीय गीता जयंती समारोह का आयोजन सरस्वती के पावन पट पर किया गया। गीता जयंती महोत्सव के माध्यम से लोगों तक न केवल भगवान श्रीकृष्ण का पवित्र संदेश पहुंचा, बल्कि इस आयोजन से  उनके जीवन में निष्काम कर्म की महत्ता का भी अहसास हुआ। विशेषकर युवाओं के उत्साह को देखकर पता चलता है कि उनकी धार्मिक भावनाएं आज भी श्रीमदभगवतगीता के साथ जुड़ी हैं। इससे पहले प्रशासन व श्री कृष्ण कृपा गऊशाला की तरफ से गीता पाठ का आयोजन सरस्वती चौक पर करवाया गया, जिसमें घुमंतु जाति विकास बोर्ड हरियाणा के चेयरमैन जयसिंह पाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस मौके पर शहर के गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ आमजन ने भी हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती हैं। इस साल 11 दिसंबर को गीता जयंती का पर्व पूरे भारत में मनाया गया। इस दिन मोक्षदा एकादशी का उपवास भी रखा जाता है, जो भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी पर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का पाठ पढ़ाया था। यह वह समय था जब अर्जुन के कदम महाभारत युद्ध भूमि की ओर डगमगाने लगे थे, तब गीता के उपदेश सुनकर ही अर्जुन अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हुए। हिंदू धर्म में गीता को सबसे पवित्र और पूजनीय ग्रंथ माना गया है, इसमें मौजूद भगवान कृष्ण द्वारा कही गई बातें आज भी युवाओं को अवसाद, चिंता और भय से दूर करती है। मान्यता है कि गीता के उपदेशों को जीवन में उतारने से व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होता है। साथ ही व्यक्ति क्रोध, लोभ, मोह से दूर रहता है। गीता वास्तव में चरित्र निर्माण का सबसे बड़ा और उत्तम शास्त्र है। इसके माध्यम से भगवान ने कहा है कि चरित्र कमल पुष्प समान संसार में रहकर और श्रेष्ठ कर्मों से बनेगा। गीता श्रीकृष्ण द्वारा मोहग्रस्त अर्जुन को दिया गया उपदेश है जिसमें विश्व संरचना एवं मानव जगत के कल्याण का सार तत्त्व निहित है। गीता महज उपदेश भरा ग्रंथ ही नहीं है बल्कि मानव इतिहास की सबसे महान सामाजिक, धार्मिक, दार्शनिक और राजनीतिक वार्ता भी है। संसार की समस्त शुभता गीता में निहित है।
जिलास्तरीय गीता जयंती समारोह के अंतिम दिन सभी धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं तथा पत्रकारों व छायाकारों को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त समारोह के सफलतापूर्वक आयोजन पर सभी विभागों के अधिकारियों, किताब वाला बैंक के विनोद कुमार मित्तल, सचिन मित्तल तथा उनके सहभागियों को भी सिरोपा पहनाकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाले बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में सूरज बेदी रंगमंच पार्टी द्वारा गीता से सम्बंधित गीता व रागिनी तथा नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर मंच का संचालन उमाकांत शास्त्री ने किया। समारोह में एसडीएम अमन कुमार, नगरपालिका प्रधान आशीष चक्रपाणि, केडीबी सदस्य युधिष्ठिïर बहल, नरेंद्र तनेजा, सतीश सैनी, सतपाल शर्मा, रामधारी शर्मा, जगदीश तनेजा, राकेश पुरोहित मंडल अध्यक्ष, समाजसेवी महेश तलवाड़, विजय बंसल, विनोद डोलिया, सुरेंद्र धींगड़ा, डीपी दस्तूर, अमित अरोड़ा, राजकुमार गोस्वामी, शिवचरण बहल, शिवदर्शन मुरार एडवोकेट, जगीर सिंह ककराली, बंटी दिवाना, सुखबीर सैनी, खंड शिक्षा अधिकारी रामराज, नगरपालिका सचिव मोहन लाल, मार्केट कमेटी के सचिव चंद्र सिंह, सभी पार्षद पिहोवा व इस्माईलाबाद सहि गांवों के सरपंच व पंच तथा सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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गीता पाठ व शोभा यात्रा में एकत्र हुए अमाजन
जिलास्तरीय गीता जयंती समारोह के अंतर्गत बुधवार को शोभा यात्रा निकाली गई। इससे पहले पवित्र गीता ग्रन्थ की पूजा भी की गई तथा गीता पाठ का आयोजन सरस्वती द्वार के समक्ष पिहोवा चौक पर किया गया। यह शोभा यात्रा शहर के मेन चौक से आरंभ होकर मेन बाजार से होती हुई सरस्वती तीर्थ पर समाप्त हुई। शोभा यात्रा का विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने जगह जगह पर स्वागत किया। इससे पहले निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दोपहर 11 बजे तीन स्कूलों के 700 बच्चों सहित उपस्थित अधिकारियों व लोगों द्वारा गीता पाठ का उच्चारण किया गया। उच्चारित किए गए सभी 18 श्लोक गीता के हर अध्याय से लिए गए हैं। एक साथ श्रीमदभागवत गीता के श्लोकों के उच्चारण से पूरा वातावरण गीतामयी हो गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ग्लोबल चैंङ्क्षटग के इस कार्यक्रम में एक ही समय पर पूरी दुनिया में गीता के श्लोकों का उच्चारण किया गया। जिलास्तरीय गीता जयंती समारोह के आयोजन से लोगों को श्रीमद भागवत गीता से जीवन को सार्थक बनाने का संदेश भी मिला। इस दौरान लोगों को प्रदर्शनी के माध्यम से जहां नई जानकारियां मिली, वहीं लोगों ने तीनों दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद लिया। महोत्सव को लेकर उपमंडल के लोगों मे उत्साह दिखा और लोग पूरी जिज्ञासा व जोश के साथ महोत्सव में शामिल हुए।
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गीता जयंती के तीसरे दिन रोटरी क्लब व लायंस क्लब द्वारा आंबटित किए गए श्रीमदभागवत गीता व पौधे
उपमंडल पिहोवा में 9 से 11 दिसंबर तक मनाई गई गीता जयंती के अंतिम दिन मां सरस्वती के पावन तट पर एक विशेष आयोजन किया गया। इस आयोजन में हरियाणा घुमंतू जाति आयोग के अध्यक्ष जयसिंह पाल, उपमंडल अधिकारी नागरिक अमन कुमार और नगर पालिका अध्यक्ष आशीष चक्रपाणी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस आयोजन में रोटरी क्लब के प्रधान दीपक बावेजा और लायंस क्लब के प्रधान शाश्वत चक्रपाणी के नेतृत्व में दोनों क्लब के सदस्यों ने मिलकर 400 तुलसी के पौधे और 200 श्रीमद् भागवत गीता की प्रतियां लोगों में वितरित कीं। रोटरी क्लब के प्रधान दीपक बावेजा ने बताया कि तुलसी को प्राचीन काल से दिव्य औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में भी तुलसी का विशेष महत्व बताया गया है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी अद्वितीय हैं। इसी कारण हर घर में तुलसी की पूजा की जाती है। लायंस क्लब के प्रधान शाश्वत चक्रपाणी ने गीता वितरण का महत्व बताते हुए कहा श्रीमद्भागवत गीता एक ऐसा दिव्य शास्त्र है, जिसमें जीवन की सभी समस्याओं का समाधान है। आज के भौतिकवादी युग में मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए गीता का अध्ययन करना बेहद आवश्यक है। इस अवसर पर दोनों क्लब के सभी सदस्यों के साथ साथ नगर के प्रबुद्ध व्यक्ति उपस्थित थे। गीता जयंती के इस आयोजन ने न केवल धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा दिया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और मानसिक शांति जैसे उद्देश्यों को भी जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दिया।

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