मां..मेरा क्या कसूर था?। मैंने जन्म लेकर गुनाह किया या बेटी बनकर। आंख खुली तो तुझे देखा। अब तूने अपनाने के बजाय खुद से अलग कर दिया। गैरों ने तो अपना लिया, मुझे शिकवा तुझसे है।

10 दिन की बच्ची शायद मन में यही सोच रही होगी, जिसे पानीपत में कड़ाके की ठंड में रेहड़ी के ऊपर छोड़ दिया गया। बच्ची की रोने की आवाज आई तो राहगीरों को इसका पता चला। जिसके बाद उन्होंने बच्ची को संभालकर पुलिस को सूचना दी।

रविंद्रा अस्पताल के बाहर का है वाकया
हरियाणा के पानीपत शहर के मॉडल टाउन में बुधवार को अंधेरा होने पर रात करीब 9:30 बजे रविंद्रा अस्पताल के नजदीक एक जुगाड़ रेहड़ी में फूल सी बच्ची रो रही थी। बच्ची की किलकारी से लोगों को पता चला। इसकी सूचना डायल 112 पर दी गई।

पुलिस के पहुंचने तक स्थानीय लोगों ने बच्ची को संभाला, उसे दूध पिलाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां उसे SNCU वार्ड में डॉक्टरों की देख-रेख में भर्ती कर लिया गया है। वहीं, प्रत्यक्षदर्शी की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी, बच्ची मिलने की पूरी कहानी
गांव कालखा के रहने वाले टीचर ने बताया कि मैं रविंद्रा अस्पताल में दवाई लेने आया था। यहां मैंने इसी जगह पर गाड़ी पार्क की। जब मैं गाड़ी से नीचे उतरा तो मुझे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। मैंने फ्रूट वाले को बुलाया।

पहले तो मैंने सोचा शायद किसी की गाड़ी में बच्चे के रोने वाला साउंड लगा हुआ है। आपस में बात करने के दौरान हम आवाज का पीछा करते हुए मौके पर पहुंचे। मौके पर एक जुगाड़ रेहड़ी खड़ी थी।

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