संगीतमयी भागवत कथा में झूम उठे श्रद्धालु
कुरुक्षेत्र, 6 दिसम्बर : पवित्र ब्रह्मसरोवर के तट पर भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न हुई पावन श्री गीता के जन्मोत्सव गीता जयंती महोत्सव 2024 के अवसर पर श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में आयोजित भागवत पुराण की कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से वृन्दावन मथुरा से विख्यात कथावाचक संजीव कृष्ण ठाकुर ने संगीतमयी शैली में कहा कि भागवत मानव जीवन की अपनी कथा है। उन्होंने बताया भागवत कथा सुनने से मानव के पाप क्षीण हो जाते हैं। भागवत पुराण में ऐसा अमृत है जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। संजीव कृष्ण ठाकुर ने आत्मदेव ब्राह्मण की कथा का भक्तों को रसपान कराया। उनके साथ में कथावाचक ने राजा परीक्षित की कथा का सुंदर वर्णन किया। कथा को सुनने के लिए भारी संख्या में कथा प्रेमी एवं श्रद्धालु पहुंचे। कथा में संजीव कृष्ण ठाकुर ने आत्मदेव ब्राह्मण की कथा सुनाते हुए उनके दोनों पुत्रों धुंधकारी और गोकर्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धर्म पर चलने और अधर्म पर चलने से क्या लाभ होता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। भागवत पुराण को निरंतर जीवन में उतार लेना चाहिए। कथावाचक ने राजा परीक्षित की कथा का श्रद्धालुओं को रसपान कराया। दूसरे दिन की कथा के समापन पर व्यासपीठ पर ट्रस्टियों एवं श्रद्धालुओं ने भागवत पुराण की आरती की। कथा में आर.एस.एस. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि भगवत गीता में ही मुक्ति है। परमात्मा ने मानव को संबंध बनाने की स्वतंत्रता दी है। अगर हम भगवत गीता में उतर के संबंध बनाएं तो जीवन में कोई लड़ाई नहीं है। संगीतमयी कथा में संजीव कृष्ण ठाकुर के भजनों पर कई बार श्रद्धालु झूमने पर मजबूर हुए। कथा में के.के. कौशिक एडवोकेट, टी.के. शर्मा, खरैती लाल सिंगला, सुरेंद्र गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, राजेश सिंगला, हरप्रीत सिंह चीमा, मुनीश मित्तल, संगीता शर्मा, संतोष यादव, सुनील गौरी, यशपाल राणा, सतबीर कौशिक एवं रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।
फोटो परिचय : विद्यापीठ में भागवत पुराण की कथा करते हुए विश्वविख्यात कथावाचक संजीव कृष्ण ठाकुर एवं मौजूद श्रद्धालु।