करनाल, 27 नवम्बर। हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ मांगे राम और मीना कुमारी की अध्यक्षता में सुरक्षित वाहन पॉलिसी के तहत बुधवार को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उमेश चानना, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना रानी, आरटीए विभाग से सुरेंद्र सैनी, फायर ब्रिगेड विभाग से रवि, यातायात पुलिस, खण्ड शिक्षा अधिकारी करनाल के प्रतिनिधि समेत अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा सुरक्षित वाहन पॉलिसी के तहत करनाल ब्लॉक के दो स्कूलों प्रताप पब्लिक स्कूल व डीपीएस की बसों का निरीक्षण किया गया। बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी पूरी तरह से लागू करवाने के प्रयास निरंतर जारी हैं।

हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य मांगे राम ने बताया कि करनाल ब्लॉक के प्रताप पब्लिक स्कूल व डीपीएस का टीम द्वारा औचक निरीक्षण  किया  गया। निरीक्षण के दौरान दोनों स्कूलों की 45 बसों की जांच की गई जिसमें वाहन फिटनेस, रूट प्लेट व टाइमिंग, बीमा ड्राइविंग लाइसेंस, फस्र्ट एड बॉक्स तथा सीसीटीवी कैमरा, अग्निशामक उपकरण, आवश्यक हेल्पलाइन नम्बर, चालक और परिचालक ड्रेस और आई कार्ड आदि की जांच की गई। जांच के दौरान अनियमितता पाए जाने पर सुरक्षित वाहन पॉलिसी के तहत छह बसों का चालान किया गया।

उन्होंने बताया कि पॉलिसी के तहत प्रत्येक बस में एक लेडी अटेंडेंट का होना अति अनिवार्य है।  एक बस में लेडी अटेंडेंट न होने, पांच बसों में अग्निशामक यंत्र खराब पाये जाने तथा एक बस में फस्र्ट एड बॉक्स न होने पर चालान किया गया। आयोग की टीम द्वारा दोनों स्कूल प्रबंधन को दो दिन के अंदर सभी खामियां दुरस्त कराने के निर्देश दिये गये।

बॉक्स:  सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत स्कूल बसों के लिए यह हैं शर्तें: मांगेराम
हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य मांगे राम ने बताया कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अनुसार स्कूल बसों में  जीपीएस होना अनिवार्य है। साथ ही स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी कैमरा, अग्निशमन यंत्र तथा फस्र्ट एड बॉक्स का होना अनिवार्य है। साथ ही स्कूल वाहन चालक की पुलिस वेरिफिकेशन तथा आईकार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। आरटीए से अनुमति प्राप्त रूट मैप, स्कूल बस का इंश्योरेंस, प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट होनी जरूरी है। उन्होंने बताया कि स्कूल बस के अंदर लगे  सीसीटीवी कैमरों की 15 दिन की रिकॉर्डिंग होनी जरूरी है। इसके अलावा स्कूल के पास पिछले तीन महीनों की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग होनी आवश्यक है।

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