बलजीत सिंह दादूवाल ने हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। 2020 में उन्होंने छठी एवं नौंवी पातशाही गुरुद्वारा में हुए चुनाव में झींडा गुट के जसबीर सिंह खालसा को 2 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। हरियाणा सरकार की ओर से 38 सदस्यों वाली एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया है। अब एक साल में HSGPC के चुनाव करवाए जाएंगे।
15 जिलों से हैं कमेटी के सदस्य
कमेटी में अंबाला जिले से 4, फरीदाबाद-2, कैथल, करनाल से 4-4, कुरुक्षेत्र से 3, पंचकूला और पानीपत में 2-2, सिरसा से 6 और यमुनानगर से 5 और भिवानी, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़, नूंह और रोहतक में 1-1 सदस्य चुने गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा में गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए बनाए गए एचएसजीपीसी विधेयक-2014 को संवैधानिक करार दिया गया है।
2014 में बनीं थी हरियाणा कमेटी
कांग्रेस सरकार में हरियाणा विधानसभा में बने एक्ट के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी बनी थी। इस कमेटी ने हरियाणा के 53 ऐतिहासिक गुरुद्वारों में से 5 गुरुद्वारों की सेवा संभाल ली थी। इसके बाद SGPC सुप्रीम कोर्ट चली गई। तब से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। पहले अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा बनें थे।
झींडा ने दादूवाल को हटाया
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हरियाणा के कैथल स्थित नीम साहिब गुरुद्वारा में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक में जगदीश सिंह झींडा को सर्वसम्मति से एचएसजीपीसी प्रधान चुन लिया गया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि मीटिंग में 33 सदस्यों ने उन्हे अध्यक्ष चुना है, हालांकि दादूवाल ने इस चुनाव को असंवैधानिक बताया था।