अंतर-कॉलेज बॉक्सिंग और कुश्ती प्रतियोगिताओं का शुभारंभ
कुरुक्षेत्र, 19 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 18-20 नवंबर 2024 को आयोजित होने वाली अंतर-कॉलेज बॉक्सिंग और कुश्ती प्रतियोगिताओं का शानदार आगाज हुआ। इस प्रतियोगिता में विभिन्न कॉलेजों के लड़के और लड़कियां भाग लेंगे। इसके अलावा, कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी इस प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। विश्वविद्यालय के इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित इस प्रतियोगिता में क्षेत्र के विभिन्न कॉलेजों से आए खिलाड़ी अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
इन प्रतियोगिताओं का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के खेल निदेशक डॉ. डी.एस. राणा ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बॉक्सिंग और कुश्ती जैसे खेल केवल शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक सोच का भी परिचायक हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हमेशा से खिलाड़ियों को उत्कृष्ट अवसर प्रदान करने और खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है। हमारा उद्देश्य है कि हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय और देश का नाम रोशन करें। उन्होंने प्रतिभागियों को भरोसा दिलाया कि विश्वविद्यालय उन्हें हर संभव संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान करेगा ताकि वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें।
कुरुक्षेत्र, 19 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 18-20 नवंबर 2024 को आयोजित होने वाली अंतर-कॉलेज बॉक्सिंग और कुश्ती प्रतियोगिताओं का शानदार आगाज हुआ। इस प्रतियोगिता में विभिन्न कॉलेजों के लड़के और लड़कियां भाग लेंगे। इसके अलावा, कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी इस प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। विश्वविद्यालय के इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित इस प्रतियोगिता में क्षेत्र के विभिन्न कॉलेजों से आए खिलाड़ी अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
इन प्रतियोगिताओं का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के खेल निदेशक डॉ. डी.एस. राणा ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बॉक्सिंग और कुश्ती जैसे खेल केवल शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक सोच का भी परिचायक हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हमेशा से खिलाड़ियों को उत्कृष्ट अवसर प्रदान करने और खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है। हमारा उद्देश्य है कि हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय और देश का नाम रोशन करें। उन्होंने प्रतिभागियों को भरोसा दिलाया कि विश्वविद्यालय उन्हें हर संभव संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान करेगा ताकि वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें।
कुवि विधि संस्थान के छात्रों ने नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में लहराया परचम, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई
कुरुक्षेत्र, 19 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि संस्थान के विद्यार्थियों ने बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी, रोहतक, हरियाणा की ओर से आयोजित नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में संस्थान के द्वितीय वर्ष के छात्र कुशाल, जयशिखा और समीर की टीम ने भाग लिया जिसमें उन्होंने प्रथम रनर अप का स्थान प्राप्त करते हुए परचम लहराया। विश्वविद्यालय की टीम ने विभिन्न स्तर को पार कर कई टीमो को पछाड़ कर यह स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
इस मौक़े पर संस्थान की निदेशक प्रोफ़ेसर सुशीला देवी चौहान ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता विद्यार्थियों में तर्क वितर्क की कला को बढ़ाती हैं । साथ ही विद्यार्थियों में बोलने की कला और शोध कार्य विकसित करती है जो की लॉ प्रोफ़ेशन के लिए आवश्यक है।
संस्थान के उपनिदेशक व मूट कोर्ट कमेटी कन्वीनर डॉ. रमेश सिरोही ने विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है । उन्होंने विद्यार्थियों की प्रशंसा और उनका हौसला बढ़ाया।
इस मौक़े पर डॉ. मोनिका, डॉ. मनजिंदर, डॉ. तृप्ति, डॉ. जय किशन भारद्वाज, डॉ. नीरज, डॉ. संतलाल व मूट कोर्ट स्टूडेंट ऑर्गेनाइजर आदित्य, दिव्यम, अंश, रिसया, वंशिका, नैन्सी, उदय, मौजूद रहे।
कुरुक्षेत्र, 19 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि संस्थान के विद्यार्थियों ने बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी, रोहतक, हरियाणा की ओर से आयोजित नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में संस्थान के द्वितीय वर्ष के छात्र कुशाल, जयशिखा और समीर की टीम ने भाग लिया जिसमें उन्होंने प्रथम रनर अप का स्थान प्राप्त करते हुए परचम लहराया। विश्वविद्यालय की टीम ने विभिन्न स्तर को पार कर कई टीमो को पछाड़ कर यह स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
इस मौक़े पर संस्थान की निदेशक प्रोफ़ेसर सुशीला देवी चौहान ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता विद्यार्थियों में तर्क वितर्क की कला को बढ़ाती हैं । साथ ही विद्यार्थियों में बोलने की कला और शोध कार्य विकसित करती है जो की लॉ प्रोफ़ेशन के लिए आवश्यक है।
संस्थान के उपनिदेशक व मूट कोर्ट कमेटी कन्वीनर डॉ. रमेश सिरोही ने विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है । उन्होंने विद्यार्थियों की प्रशंसा और उनका हौसला बढ़ाया।
इस मौक़े पर डॉ. मोनिका, डॉ. मनजिंदर, डॉ. तृप्ति, डॉ. जय किशन भारद्वाज, डॉ. नीरज, डॉ. संतलाल व मूट कोर्ट स्टूडेंट ऑर्गेनाइजर आदित्य, दिव्यम, अंश, रिसया, वंशिका, नैन्सी, उदय, मौजूद रहे।
कुवि में सामुदायिक सहभागिता पर साप्ताहिक अल्पकालिक पाठ्यक्रम का शुभारंभ
कुरुक्षेत्र 19 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा सोमवार को सामुदायिक सहभागिता पर एक सप्ताह के अल्पकालिक पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया गया। 23 नवंबर तक चलने वाले इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने और समकालीन सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए कौशल और रणनीतियों से लैस करना है।
कार्यक्रम का समन्वय कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी एमएमटीटीसी की निदेशक प्रो. प्रीति जैन और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. रजनी गोयल के नेतृत्व में किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र में एसडी कॉलेज, अंबाला के प्रिंसिपल डॉ. राजेंद्र राणा ने सतत विकास को प्राप्त करने में सामुदायिक सहभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और प्रतिभागियों को अकादमिक शिक्षा और वास्तविक दुनिया की सामुदायिक जरूरतों के बीच की खाई को पाटने के लिए प्रोत्साहित किया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ. मोहिंदर सिंह ने शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से सामुदायिक जुड़ाव बढ़ाने के लिए व्यावहारिक रणनीतियों को साझा किया। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की प्रो. शालिनी सिंह ने शिक्षण क्षमताओं को बढ़ाने में जीवन कौशल की भूमिका पर प्रस्तुति दी, जिसमें छात्रों को पेशेवर और व्यक्तिगत सफलता दोनों के लिए तैयार करने के लिए शिक्षण पद्धतियों में जीवन कौशल को एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित किया गया। सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बठिंडा के डॉ. वी.के. गर्ग ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर एक व्यावहारिक प्रस्तुति दी, जिसमें टिकाऊ जीवन में इसके महत्व और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। यह एक बहुविषयक पाठ्यक्रम है जिसमें विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के 49 शिक्षक इस लघु अवधि पाठ्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
कुरुक्षेत्र 19 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा सोमवार को सामुदायिक सहभागिता पर एक सप्ताह के अल्पकालिक पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया गया। 23 नवंबर तक चलने वाले इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने और समकालीन सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए कौशल और रणनीतियों से लैस करना है।
कार्यक्रम का समन्वय कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी एमएमटीटीसी की निदेशक प्रो. प्रीति जैन और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. रजनी गोयल के नेतृत्व में किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र में एसडी कॉलेज, अंबाला के प्रिंसिपल डॉ. राजेंद्र राणा ने सतत विकास को प्राप्त करने में सामुदायिक सहभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और प्रतिभागियों को अकादमिक शिक्षा और वास्तविक दुनिया की सामुदायिक जरूरतों के बीच की खाई को पाटने के लिए प्रोत्साहित किया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ. मोहिंदर सिंह ने शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से सामुदायिक जुड़ाव बढ़ाने के लिए व्यावहारिक रणनीतियों को साझा किया। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की प्रो. शालिनी सिंह ने शिक्षण क्षमताओं को बढ़ाने में जीवन कौशल की भूमिका पर प्रस्तुति दी, जिसमें छात्रों को पेशेवर और व्यक्तिगत सफलता दोनों के लिए तैयार करने के लिए शिक्षण पद्धतियों में जीवन कौशल को एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित किया गया। सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बठिंडा के डॉ. वी.के. गर्ग ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर एक व्यावहारिक प्रस्तुति दी, जिसमें टिकाऊ जीवन में इसके महत्व और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। यह एक बहुविषयक पाठ्यक्रम है जिसमें विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के 49 शिक्षक इस लघु अवधि पाठ्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
कुवि में सोशल साइंसेज में अनुसंधान पद्धतियों पर 2 सप्ताह के ऑनलाइन इंटरडिसिप्लिनरी रिफ्रेशर कोर्स का उद्घाटन
कुरुक्षेत्र, 19 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (एमएम-टीटीसी) के सोशल वर्क विभाग के सहयोग से सोशल साइंसेज में अनुसंधान पद्धतियों पर 2 सप्ताह के ऑनलाइन इंटरडिसिप्लिनरी रिफ्रेशर कोर्स का उद्घाटन किया गया। यह कोर्स 18 नवम्बर से 30 नवम्बर 2024 तक चलेगा जिसका इसका उद्देश्य राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानवविज्ञान जैसे विभिन्न विषयों में अनुसंधान क्षमता को बढ़ाना है।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुल-गीत से हुई। प्रो. प्रीति जैन, निदेशक, एमएम-टीटीसी ने सेंटर की प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला और सोशल साइंसेज के क्षेत्र में अकादमिक विकास के लिए निरंतर पेशेवर प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रो. वनीता ढींगरा, चेयरपर्सन, सोशल वर्क विभाग और कोर्स समन्वयक ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कोर्स के मुख्य उद्देश्यों की जानकारी दी।
डॉ. सतीश कुमार, सहायक प्रोफेसर और कोर्स सह-समन्वयक ने कोर्स संरचना का अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें अनुसंधान पद्धतियों के नवाचार और उनका विभिन्न सोशल साइंसेज विषयों में उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सत्र में प्रो. एम.एन. परमार, डीन, सोशल वर्क फैकल्टी, पारुल विश्वविद्यालय, वडोदरा (गुजरात) ने अनुसंधान में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की बढ़ती भूमिका और इसके परिवर्तनकारी संभावनाओं पर चर्चा की। प्रो. गांधी सिंगैया, उपकुलपति, बिरांगना सती साधनी राजकीय विश्वविद्यालय, गोलाघाट (असम) ने मुख्य अतिथि के रूप में समकालीन सोशल साइंसेज अनुसंधान में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का समापन डॉ. सतीश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया, जिसमें उन्होंने अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया। यह कोर्स प्रतिभागियों को अनुसंधान पद्धतियों में नवाचार, डेटा विश्लेषण और इंटरडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण पर चर्चा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
कुरुक्षेत्र, 19 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (एमएम-टीटीसी) के सोशल वर्क विभाग के सहयोग से सोशल साइंसेज में अनुसंधान पद्धतियों पर 2 सप्ताह के ऑनलाइन इंटरडिसिप्लिनरी रिफ्रेशर कोर्स का उद्घाटन किया गया। यह कोर्स 18 नवम्बर से 30 नवम्बर 2024 तक चलेगा जिसका इसका उद्देश्य राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानवविज्ञान जैसे विभिन्न विषयों में अनुसंधान क्षमता को बढ़ाना है।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुल-गीत से हुई। प्रो. प्रीति जैन, निदेशक, एमएम-टीटीसी ने सेंटर की प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला और सोशल साइंसेज के क्षेत्र में अकादमिक विकास के लिए निरंतर पेशेवर प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रो. वनीता ढींगरा, चेयरपर्सन, सोशल वर्क विभाग और कोर्स समन्वयक ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कोर्स के मुख्य उद्देश्यों की जानकारी दी।
डॉ. सतीश कुमार, सहायक प्रोफेसर और कोर्स सह-समन्वयक ने कोर्स संरचना का अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें अनुसंधान पद्धतियों के नवाचार और उनका विभिन्न सोशल साइंसेज विषयों में उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सत्र में प्रो. एम.एन. परमार, डीन, सोशल वर्क फैकल्टी, पारुल विश्वविद्यालय, वडोदरा (गुजरात) ने अनुसंधान में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की बढ़ती भूमिका और इसके परिवर्तनकारी संभावनाओं पर चर्चा की। प्रो. गांधी सिंगैया, उपकुलपति, बिरांगना सती साधनी राजकीय विश्वविद्यालय, गोलाघाट (असम) ने मुख्य अतिथि के रूप में समकालीन सोशल साइंसेज अनुसंधान में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का समापन डॉ. सतीश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया, जिसमें उन्होंने अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया। यह कोर्स प्रतिभागियों को अनुसंधान पद्धतियों में नवाचार, डेटा विश्लेषण और इंटरडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण पर चर्चा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।