मनोज सेतिया ने मृत्युपर्यंत अपने पिता भगवान दास सेतिया का किया देहदान।

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान में गुरुवार को सेक्टर 07 निवासी मनोज कुमार सेतिया ने अपने पिता स्व श्री भगवानदास सेतिया की सांसारिक यात्रा पूर्ण होने पर देहदान किया। मनोज कुमार सेतिया भारत विकास परिषद के कार्यकर्ता है परिषद की प्रेरणा से ही उन्होंने अपने पिता की इच्छा अनुसार चिकित्सकों के शोध के लिए देह का दान किया है। इस जन कल्याण कार्य हेतु श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय एवं भारत विकास परिषद की कुरुक्षेत्र जिला इकाई द्वारा मनोज सेतिया का आभार प्रकट किया गया।

आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने भगवानदास सेतिया के इस कदम को चिकित्सकों एवं समाज के लिए उपयोगी बताया और कहा कि देहदान महादान है। क्योंकि देहदान से व्यक्ति मरणोपरांत भी किसी को जीवनदान दे जाता है यही नहीं वह ऐसे चिकित्सकों को गढ़ने में भागीदार होता है जो वर्षों तक चिकित्सा सेवा के माध्यम से देश-विदेश में लाखों लोगों की जान बचाता है। विश्वविद्यालय की तरफ से प्रशस्ति पत्र परिवार जन को देहदान करने हेतु दिया गया। स्नातकोत्तर रचना शारीर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सतीश वत्स, सहायक अध्यापक डॉ सचिन शर्मा, देहदान इकाई के नोडल अधिकारी डॉ आशीष नांदल द्वारा देहदान स्वीकार किया गया। इस अवसर पर आयुर्वेदाचार्य प्रथम वर्ष के छात्र एवं छात्राएं तथा सभी स्नातकोत्तर अध्येताओं एवं विभागीय अध्यापकों द्वारा मृत देह के सम्मान में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और एक शिक्षक की तरह उसका सम्मान करते हुए चिकित्सकीय अध्ययन कार्य में उसके संपूर्ण उपयोग की शपथ ली।

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